Mulayam Singh Yadav: लगभग सभी सियासी पार्टियों के लिए अज़ीज़ सपा नेता मुलायम सिंह यादव अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली. इस मौके पर हम आपको उनका एक पुराना किस्सा बताने जा रहे हैं. पढ़िए
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Mulayam Singh Yadav Death: सामजवादी पार्टी की संस्थापक मुलायम सिंह यादव का देहांत हो गया है. वो पिछले कई दिनों से अस्पताल में दाखिल थे. उन्होंने 84 बरस की उम्र गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती आखिरी सांस ली है. उनके देहांत की जानकारी मिलते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई और पीएम मोदी समेत समेत सभी दिग्गजों ने नेता के निधन पर गम का इज़हार किया. इसके अलावा सपा के कार्यकर्ताओं में शोक है. एक अलग तरह की सियासत के लिए पहचाने जाने वाले मुलायम सिंह यादव के देहांत के मौके पर हम आपको सपा के चुनाव चिन्ह "साइकिल" के बारे में बताने जा रहे हैं.
अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक मुलायम सिंह यादव जब पढ़ाई करते थे तो उन्हें तकरीबन 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. उन दिनों मुलायम सिंह यादव साइकल लेना चाहते थे लेकिन घर की हालत इतनी मजबूत नहीं थी कि वो साइकल खरीद सकें. इसलिए उनकी यह ख्वाहिश काफी दिनों तक अधूरी रह रही, लेकिन कहते हैं ना कि जब किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो वो एक ना एक दिन आपको मिलकर रहती है.
खबर में बताया गया कि एक दिन मुलायम सिंह यादव अपने दोस्त के साथ एक गांव में गए थे. दोस्त का नाम रामरूप और गांव का नाम उजयानी थी. उजयानी गांव की चौपाल पर कुछ लोग ताश खेल रहे थे. लोगों को ताश खेलता देख मुलायम सिंह यादव और उनके दोस्त भी वहां पर रुक गए. वहां जाकर मुलायम सिंह यादव को पता चला कि यहां के एक आलू कारोबारी ने ताश का खेल जीतने वाले को ईनाम में साइकल देने का ऐलान किया है, तो वो भी खेलने बैठ गए.
मुलायम सिंह यादव ने ताश के खेल में जीत हासिल की और फिर रॉबिनहुड साइकिल अपने नाम कर ली. आलू कारोबारी की शर्त के चलते मुलायम सिंह यादव का साइकल सपना साकार हुआ. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने साइकल को अपनी जिंदगी में कुछ इस तरह अपना लिया कि उनके इस दुनिया से जाने के बाद भी जिक्र किया जाता रहेगा.