Meghalaya CM on UCC: समान नागरिक संहिता को लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. कोई इसके पक्ष में तो कोई विपक्ष में बयान दे रहा है. इसी बीच मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने बड़ा बयान दिया है. हर कोई इस बयान का देश में सियासी मायने लगा रहे है.
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Meghalaya CM on UCC: मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) भारत के विचार के खिलाफ है. नेशनल पीपुल्स पार्टी कहा, अध्यक्ष ने कहा कि "भारत एक विविधतापूर्ण देश है और विविधता ही हमारी ताकत है. समान नागरिक संहिता के रूप में पार्टी का अब तक का नजरिया भारत के विचार के ही खिलाफ है."
बता दें कि सीएम संगमा ने कहा कि पूर्वोत्तर को एक अलग संस्कृति और समाज मिला है और वह ऐसा ही रहना चाहेंगे. अपने राज्य का उदाहरण लेते हुए मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि "उदाहरण के लिए हम एक मातृसत्तात्मक समाज हैं और यही हमारी ताकत रही है और यही हमारी संस्कृति रही है. अब इसे हमारे लिए नहीं बदला जा सकता है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में भाजपा कार्यक्रताओं को संबोधित करते हुए यूसीसी पर जोर दिया. इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई कि केंद्र सरकार कभी भी यूसीसी संसद में पेश कर सकती है. प्रधानमंत्री मोदी के यूसीसी पर जोर देने के बाद सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति द्वारा 3 जुलाई को विधि आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाए जाने के बाद समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चाएं फिर से सामने आ गई हैं. कानून पैनल द्वारा जारी एक नोटिस में विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय जानने के लिए नोटिस जारी किया था.
जानकारी के लिए बता दें कि अब तक दो विपक्षी दल आम आदमी पार्टी और शिव सेना के एकनाथ सिंदे गुट ने समान नागरिक संहिता के लिए केंद्र के दबाव का समर्थन किया है. जबकि तमाम विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है.
आपको बता दें कि मेघालय में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी को समर्थन दिया था. भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सहयोगी भाजपा से अनबन के बाद संगमा की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ी थी.
इस सब के बीच राजनीतिक पंडित कयास लगा रहे हैं कि आने वाले मानसुन सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार यूसीसी बिल संसद में पेश कर सकती है.
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