LK Advani: "आडवाणी को मिला बाबरी मस्जिद गिराने का इनाम"; 'भारत रत्न' पर जमात का बयान
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LK Advani: "आडवाणी को मिला बाबरी मस्जिद गिराने का इनाम"; 'भारत रत्न' पर जमात का बयान

LK Advani: भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर लाल कृष्ण आडवाणी को 'भारत रत्न' से नवाजा जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसकी जानकारी दी है. ने राम रथ यात्रा के सहारे यूपी की सियासी तस्वीर और तकदीर बदल दी थी.

LK Advani: "आडवाणी को मिला बाबरी मस्जिद गिराने का इनाम"; 'भारत रत्न' पर जमात का बयान

LK Advani: पूर्व डिप्टी प्राइम मिनिस्टर और भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर लाल कृष्ण आडवाणी को 'भारत रत्न' से नवाजा जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसकी जानकारी दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, "मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि पूर्व डिप्टी प्राइम मिनिस्टर लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा."

बीजेपी को खड़ा करने में आडवाणी बड़ी भूमिका
भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने में लाल कृष्ण आडवाणी की बेहद अहम भूमिका है. आडवाणी ने राम रथ यात्रा के सहारे यूपी की सियासी तस्वीर और तकदीर बदल दी. ये बात साल 1990 की है, जब 25 सितबंर को आडवाणी की अगुआई में गुजरात में मौजूद सोमनाथ मंदिर से उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या के लिए एक यात्रा निकाली गयी थी, जिसका नाम "राम रथ यात्रा" था. ये यात्रा अयोध्या पहुँचने के पहले देश के अलग- अलग राज्यों और स्थानों से होकर निकाली गई थी.  

आडवाणी ने रथ यात्रा निकालने के बाद कहा था, "सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे. उस वक्त इस रथ यात्रा में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. हालांकि, बिहार के उस वक्त के सीएम लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी की रथ यात्रा को समस्तीपुर जिले में रोक लिया और आडवाणी को गिरफ्तार कर मौजूदा झारखंड राज्य के दुमका जिले में नजरबंद कर दिया था. 

मंडल पर हावी हो गया कमंडल
ख्याल रहे कि इस रथ यात्रा का समापन 30 अक्टूबर 1992 को अयोध्या में कथित राम मंदिर के पास होना था. इससे पहले ही आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया था. उस रथ यात्रा का असर पूरे मुल्क पर हुआ. यात्रा जिन इलाकों से गुजरी वहां दंगा- फसाद हुए. इसमें कई लोग मारे गए. जिस वक्त मुल्क में मंडल की राजनीति हो रही थी, उसी वक्त उत्तर प्रदेश में मंडल बनाम कमंडल की राजनीति होने लगी. इसके बाद यूपी की राजनीति ने करवट ली. बीजेपी ने यूपी में पहली बार साल 1991 में पूर्व सीएम कल्याण सिंह की अगुआई में सरकार बनाई थी. देश की राजनीति पर राम मंदिर हावी हो गया, जिसके बाद 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया. इसके बाद यूपी में बड़ा सियासी उटल-फेर देखने को मिला. कल्याण सिंह की मौजूदा सरकार गिर गई. 

राम मंदिर में आडवाणी की बड़ी भूमिका
एक बार फिर साल 1996 में यूपी में कल्याण सिंह की अगुआई में सरकार बनी. फिर 1999 में राम प्रकाश गुप्ता और साल 2000 में राजनाथ सिंह सूबे के मुखिया बने. जब तक आडवाणी राजनीति में सक्रिय रहे, तब तक उन्होंने राम मंदिर के इर्द-गिर्द राजनीति की. इसका नतीजा ये हुआ कि साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनीं. इसके बाद यूपी में भी 2017 में बीजेपी को भारी जीत मिली. हालांकि, पार्टी केंद्र और राज्यों में बीजेपी लड़खड़ाती रही, लेकिन उन्होंने कभी भी राम मंदिर का मुद्दा नहीं छोड़ा. आज आलम यह है कि यूपी और केंद्र सरकार में भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता पर काबिज हैं. इसके पीछे आडवानी का राम मंदिर आन्दोलन और रथ यात्रा ने बड़ी भूमिका निभाई थी. 

भारत रत्न दिए जाने के बाद मुस्लिम नेताओं ने की आलोचना
लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा से भाजपा समेत उसके तमाम सहयोगी दलों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है और सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.. वहीं, देश का मुस्लिम नेतृत्व और कुछ नेताओं ने आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की आलोचना की है.  जमात इस्लामी के नेता  मलिक मोहतसिम खान ने कहा कि मौजूदा सरकार बाबरी मस्जिद गिराने वालों को इनाम दे रही है. 

उन्होंने कहा, "सरकार अपने मकसदों के मुताबिक काम कर रही है. देश की जनता को सोचना चाहिए कि क्या ये सरकार कानून के मुताबिक काम कर रही है?" वहीँ AIMIM के सद्र ओवैसी ने आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर तंज कसते हुए कहा है कि  वह इस सम्मान के लिए सबसे लायक उमीदवार हैं! ओवैसी ने एक ग्राफ भी अपने सोशल प्रोफाइल पैर शेयर किया है जिसमे ये दिखाया गया है कि आडवाणी की रथ यात्रा देश के जिन-जिन इलाकों से निकली थी वहां दंगे हुए थे और इसमें कई लोग मारे गए थे.

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