Land for Job Case: लालू यादव पर रेल मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जमीन के बदले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर कई लोगों को नौकरी देने का आरोप है. इस मामले में कोर्ट ने पहली बार लालू यादव के छोटे बेटे तेजप्रताप यादव को समन जारी किया है.
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Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन अब कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू के छोटे बेटे तेजप्रताप यादव को भी समन जारी किया है. 7 अक्टूबर को उन्हें अदालत में पेश होना होगा. खास बात यह है कि इस मामले में तेजप्रताप यादव को समन जारी नहीं किया गया.
क्या है पूरा मामला
राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके दोनों बेटे समेत 8 लोगों को समन जारी किया है. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को सात अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.
ईडी ने लगाया गंभीर इल्जाम
जस्टिस ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया. ईडी ने छह अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट पेश की थी. ईडी ने सीबीआई द्वारा दायर मुकदमा के आधार पर यह मामला दर्ज किया था. ईडी ने कहा कि मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है. ये नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं.
क्या है नौकरी के लिए जमीन का मामला?
दरअसल, नौकरी के लिए जमीन का यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे. लालू यादव पर रेल मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जमीन के बदले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर कई लोगों को नौकरी देने का आरोप है. पिछले महीने कोर्ट ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थीय इसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से तीन की मौत हो चुकी है. इस मामले में लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती कई बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं.