Kisan Andolan Update: किसानों ने दिल्ली चलो मार्च 29 फरवरी तक स्थगित कर दिया है. किसान अब आगे का प्लान कर रहे हैं और 29 फरवरी को इसको लेकर मीटिंग भी होनी है. आइये जानते हैं पूरी डिटेल
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Kisan Andolan Update: 'दिल्ली चलो' मार्च में हिस्सा लेने वाले हजारों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से से गुजारिश की है कि वह किसानों के साथ जो कुछ भी हो रहा है उल पर बोलें. बता दें बीते बुधवार को एक किसान की मौत के बाद इस दिल्ली चलो आंदोलन को रोक दिया गया था.
किसानों ने अपना 'दिल्ली चलो' मार्च 29 फरवरी तक रोक दिया है और शंभू और खनौरी सीमाओं पर कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. कुछ दिन पहले आंदोलन के दौरान मारे गए किसान की मौत पर शोक जताते हुए किसानों ने कैंडल मार्च भी निकाला था. इस बीच, अधिकारियों ने दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू और टिकरी सीमाओं को आंशिक रूप से फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू की है, जिन्हें 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सील कर दिया गया था.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार को कहा कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और दिल्ली चलो मार्च पर फैसला 29 दिसंबर को लिया जाएगा. उन्होंने कहा, तब तक पंजाब-हरियाणा सीमा पर कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है.
पंढेर कहते हैं,"आज शंभू और खनौरी में मोर्चों का 13वां दिन है. आज, हम दोनों सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे क्योंकि विश्व व्यापार संगठन पर चर्चा होनी है. हमने मांग की है कि कृषि क्षेत्र को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाना चाहिए." .हम शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे... हम पीएम मोदी से किसानों के साथ जो कुछ भी हो रहा है उस पर बोलने के लिए कह रहे हैं.''
प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात पंजाब की हरियाणा से लगती सीमा पर शंभू और खनौरी में चल रहे आंदोलन के दौरान मारे गए किसान की याद में कैंडल मार्च निकाला. 21 फरवरी को खनौरी में हुई झड़प में 21 साल के शुभकरण की मौत हो गई थी. उनका दाह संस्कार अभी तक नहीं हुआ है, क्योंकि किसान नेता इस बात पर अड़े हुए हैं कि पंजाब सरकार उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे.
इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री अंर्जुन मुंडा ने मसले का समाधान खोजने की गुजारिश की है. ऐसा भी हो सकता है कि लोकसभा चुना में अचार संहिता लगने के बाद भी किसानों का प्रोटेस्ट जारी रहे. अर्जुन मुंडा कहते हैं,"हमें कोशिश करनी चाहिए कि देश में शांति बनी रहे...हमने हमेशा बातचीत की है और आगे भी हम समाधान निकालने के लिए ऐसा करेंगे. हम सभी सुझावों का भी स्वागत करते हैं. मुझे उम्मीद है कि हम इस मुद्दे पर आगे भी चर्चा करेंगे."
आज धरना स्थल पर किसानों से जुड़े मुद्दों पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. सोमवार को विश्व व्यापार संगठन और केंद्र का पुतला फूंका जाएगा. 27 फरवरी को देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) से जुड़े मंचों की बैठकें होंगी और 28 फरवरी को एसकेएम और केएमएम मंचों की आम बैठक होगी. 29 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च में अगला कदम तय करने के लिए एक बैठक बुलाई जा सकती है.