ख्वाजा साहब फकीर आदमी थे, उन्होंने लोगों के दिल पर राज किया है, अजमेर दरगाह पर महमूद मदनी का बयान
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ख्वाजा साहब फकीर आदमी थे, उन्होंने लोगों के दिल पर राज किया है, अजमेर दरगाह पर महमूद मदनी का बयान

Ajmer News: अजमेर दरगाह के ममले में महमूद मदनी ने कहा है कि ख्वाजा साहब फकीर थे. उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया है. ऐसे में उनके मामले में राजनीति न की जाए. एक मुस्लिम संगठन ने कहा कि मस्जिदों और मजारों के खिलाफ साजिश की जा रही है.

ख्वाजा साहब फकीर आदमी थे, उन्होंने लोगों के दिल पर राज किया है, अजमेर दरगाह पर महमूद मदनी का बयान

Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में मौजूद ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर विवाद बरकार है. इस पर बयानबाजी भी हो रही है. हाल ही में हिंदू सेना नने दावा किया कि दरगाह में शिव मंदिर है. वह इस मामले को लेकर अदालत पहुंचे. अदालत उनकी अर्जी पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. इस मामले पर कई लोगों ने बयान दिया है. इसी कड़ी में अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बयान दिया है. मदनी ने इस मामले को भारत के दिल पर हमला करने जैसा बताया है. 

अजमेर पर दावा
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने सोमवार को दावा किया कि कई मस्जिदों और अजमेर शरीफ दरगाह पर दावे करने वाले लोग अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. इन्हें कई जगहों पर सरकारों का संरक्षण प्राप्त है. जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी मदनी ने एक बयान में कहा कि यह सिलसिला रुकना चाहिए और इस तरह के तत्वों को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए. मदनी ने कहा कि इस तरह के संरक्षण देश के बहुत नुकसान पहुंच रहा है. उनका कहना है, "अगर सरकारें अपना संरक्षण देने से दूरी नहीं बनातीं, तो इतिहास उनके आचरण को कभी माफ नहीं करेगा." मदनी ने कहा कि अजमेर शरीफ के बारे में किया जा रहा दावा हास्यास्पद है और अदालत को ऐसे दावों को तत्काल खारिज करना चाहिए था.

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फकीर थे ख्वाजा साहब
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि "अजमेर शरीफ दरगाह के बारे में किया जाने वाला दावा हास्यास्पद है और कोर्ट को इसे फौरन खारिज कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ख्वाजा साहब सांसारिक सुख से आजाद एक फकीर थे, जिन्होंने किसी भू-भाग पर शासन नहीं किया, बल्कि उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया. इसी वजह से आप ‘सुल्तान-उल-हिंद’ कहलाए. एक हजार सालों से आप इस देश के प्रतीक हैं और आपका व्यक्तित्व शांति के दूत के रूप प्रचलित है."

मस्जिदों के खिलाफ साजिश
राजस्थान के मुस्लिम संगठनों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि अजमेर दरगाह और दूसरे धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ तुरंत बंद की जाए और मस्जिदों के किसी भी तरह के सर्वे की इजाजत न देते हुए यथास्थिति बनाए रखी जाए. मुस्लिम संगठनों ने यह भी मांग की कि निचली अदालतों को भी इस तरह की सर्वेक्षण याचिकाओं को स्वीकार न करने का निर्देश दिया जाए तथा पूजा स्थल अधिनियम 1991 का पूरी तरह से पालन किया जाए. संयुक्त समिति तहफ्फुजे औकाफ के संयोजक मोहम्मद नजीमुद्दीन ने सोमवार को एक बयान में कहा, "मस्जिदों को मंदिर बताकर और अदालतों में झूठे मामले दायर करके सर्वेक्षण के नाम पर मस्जिदों की स्थिति को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को अजमेर दरगाह और अन्य धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ बंद करनी चाहिए तथा किसी भी तरह के सर्वेक्षण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए."

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