Kejriwal Interim Bail: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह फैसला सुनाया है.
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Kejriwal Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के जरिए की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईडी के जरिए उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया है. शीर्ष अदालत ने ईडी की गिरफ्तारी की शक्ति और नीति से संबंधित तीन प्रश्न तैयार किए और कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के मुताबिक अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा.
हालांकि, आप नेता जेल में ही रहेंगे, क्योंकि आबकारी नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जरिए एक अलग मामले की जांच के कारण वह फिलहाल हिरासत में हैं. अदालत ने यह भी कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री को उनकी गिरफ्तारी के कारण पद छोड़ने का निर्देश नहीं दे सकती. साथ ही कहा कि इस पर फैसला अरविंद केजरीवाल को लेना है.
ऑर्डर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर खुशी का इजहार करते हुए कहा,"सत्यमेव जयते". यानी सच की हमेशा जीत होती है. इसी मामले में जमानत पर बाहर आए आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट समेत सभी का मानना है कि अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गलत तरीके से फंसाया है.
उन्होंने हिंदी में एक्स पर पोस्ट किया, "मोदी जी, झूठे मुकदमे दर्ज करके सच्चाई को कब तक कैद रखोगे? आपकी तानाशाही को पूरा देश देख रहा हैय सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्य की जीत है. तानाशाही मुर्दाबाद." केजरीवाल को मार्च में वित्तीय अपराध निरोधक एजेंसी ने शराब बिक्री नीति में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक ट्रायल कोर्ट ने 20 जून को आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो को जमानत दे दी थी, लेकिन बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
इससे पहले आज दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने जोर देकर कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाता है तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के गलत इस्तेमाल के लिए एक बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा, "कई लोग इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह फैसला हमारे देश के संविधान को मजबूत करेगा."