Karnatka Assembly Election: आज थम जाएगा चुनाव प्रचार का शोर; 10 मई को होगा मतदान
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Karnatka Assembly Election: आज थम जाएगा चुनाव प्रचार का शोर; 10 मई को होगा मतदान

Karnatka Assembly Election: कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रदेश में होने वाले इस चुनाव को आगे तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के सेमिफाइनल के तौर पर देख रही है. इसलिए दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है. 

Karnatka Assembly Election: आज थम जाएगा चुनाव प्रचार का शोर; 10 मई को होगा मतदान

बेंगलुरुः कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जारी चुनाव प्रचार मुहिम सोमवार की शाम को खत्म हो जाएगी. चुनाव में जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी फिर से सत्ता में वापसी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है, वहीं कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. वहीं, राज्य की तीसरी सबसे बड़ी ताकत माने जाने वाली पार्टी जनता दल (सेक्युलर) ने भी मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी है.

इन सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में युद्ध स्तर पर प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं. 
भाजपा का चुनाव प्रचार मुहिम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और तमाम बड़े नेता संभाल रहे हैं. 

मोदी ने 29 अप्रैल से अब तक करीब 18 जनसभाएं और छह रोड शो किए हैं. भाजपा नेताओं के मुताबिक, मोदी के पूरे प्रदेश के दौरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है और मतदाताओं में भरोसा भरा है. पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेताओं के तूफानी चुनाव प्रचार का उसे फायदा मिलेगा.
गौरतलब है कि भाजपा को 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कर्नाटक में अपने बलबूते सरकार बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. हालांकि, इस बार पार्टी कम से कम 150 सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

वहीं, राज्य में कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा जैसे इसके शीर्ष नेता भी चुनाव प्रचार में शामिल हुए हैं. पिछले दिनों सोनिया गांधी ने भी राज्य में चुनावी जनसभा को खिताब किया था.  
कांग्रेस इस चुनाव में जीत हासिल कर साल के आखिर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की ‘चुनावी मशीनरी’ का मुकाबला करने की रणनीति पर काम कर रही है. यह चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई भी है, क्योंकि खरगे खुद राज्य के कलबुर्गी जिले के रहने वाले हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी 150 सीट पर जीत का लक्ष्य रखा है.

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