Karnataka Assembly Election: न 'हिजाब' काम आया न 'बजरंगबली' का मिला साथ, इन जगहों पर फेल हुई BJP
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Karnataka Assembly Election: न 'हिजाब' काम आया न 'बजरंगबली' का मिला साथ, इन जगहों पर फेल हुई BJP

Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक विधानसभा वोटों की गिनती जारी है. कांग्रेस को इसमें बढ़त मिलती दिख रही है. जानेंगे कि वह क्या कारक हैं जिनकी वजह से भाजपा को नुक्सान हुआ.

Karnataka Assembly Election: न 'हिजाब' काम आया न 'बजरंगबली' का मिला साथ, इन जगहों पर फेल हुई BJP

Karnataka Assembly Election 2023: कर्नाटक चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है. इसमें कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है. तमाम कोशिशों के बाद भी भाजपा कांग्रेस से आग नहीं जा सकी. हालांकि कर्नाटक चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी. कर्नाटक में भाजपा के प्रचार के लिए पीएम मोदी तक को मैदान में उतारा गया. बजरंग बली को भी चुनाव में मुद्दा बनाया गया. लेकिन वोटिंग के दिन कांग्रेस को बढ़त मिलती नजर आई. 224 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस 120 सीटों पर बढ़त बनाते हुए नजर आई. 

पहले ही शुरू की थी तैयारी

यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा ने कर्नाटक चुनाव के लिए बहुत पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. हिजाब विवाद सबसे पहले कर्नाटक से ही शुरू हुआ. कई हिंदूवादी संगठन हिजाब के खिलाफ थे. ये मुम्मकिन है कि भाजपा ने हिजाब विवाद से हिंदू वोटरों को साधने की कोशिश की लेकन ऐसा नहीं हुआ. चुनाव से पहले कर्नाटक की भाजपा सरकार ने मुस्लिमों को दिए जा रहे 4 फीसद आरक्षण को खत्म कर दिया. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. लेकिन कर्नाटक में आ रहे नतीजों से लग रहा है कि भाजपा का यह भी दांव काम नहीं आया.

मीट और मंदिर को बनाया मुद्दा

इन दो मुद्दों के अलावा कर्नाटक में हलाल मीट बैन करने पर काफी विवाद हुआ. भाजपा विधायक ने FSSAI हलाल मीट बैन करने की भी मांग की. इसके अलावा कर्नाटक में मौजूद मंदिरों के बाहर मुस्लिम विक्रेताओं से की दुकानों को न लगाने का भी मामला काफी सुर्खियों में रहा. इन मामलों में भी कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से भाजपा का हाथ रहा. लेकिन कर्नाटक चुनावों में ये सब कुछ काम नहीं आया. 

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यदयुरप्पा को किया नजरअंदाज

एक डेटा के मुताबिक कर्नाटक में साल 2007 से सत्ता में आ रही है लेकिन उसे कभी भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. भाजपा को साल 2018 में 104, साल 2013 में 40, साल 2008 में 110 और साल 2004 में 79 सीटें मिली थीं. कर्नाटक में भाजपा ने अब तक सबसे ज्यादा बीएस यद्युरप्पा की कयादत में सीटें जीती हैं. लेकिन इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. कहना गलत नहीं होगा कि यदयुरप्पा को नजरअंदाज करना भाजपा की बड़ी चूक है.

कांग्रेस ने की तैयारी

कह सकते हैं कि कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव से पहले तैयारी की. उनके 40 फीसद कमीशन का मुद्दा बनाया. इसे कांग्रेस के नेताओं ने जमकर उछाला. जनता को भी कहीं न कहीं ये लगा कि ये सही है. इसीलिए उसने कांग्रेस को जमकर वोट किया.

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