Karnataka Assembly Election: कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव हैं. इससे पहले यहां हर समुदाय अपने-अपने चहेते उम्मीदवार को वोट देने का मन बना रहा है. लेकिन कर्नाटक के बालाकोट इलाके में कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आया. इसलिए उन्होंने अपना उम्मीदवार खुद खड़ा किया है.
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Karnataka Assembly Election: कर्नाटक के बागलकोट जिले में एक गांव है इलकल, जो अपने नाम वाली (इलकल) साड़ियों के लिए मशहूर है, लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि अपने हुनर से इन साड़ियों को देश भर में पहचान दिलाने वाले बुनकरों की समस्या सुनने में किसी को दिलचस्पी नहीं है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में जब अपना बजट भाषण दिया था, तब उन्होंने इलकल साड़ी ही पहनी थी.
इलाके में बनती हैं साड़ी
राज्य में इसी माह चुनाव होना है और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसी समुदाय के एक व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया है. इलकल गांव हुनगुंड विधानसभा क्षेत्र में आता है और पूरे जिले में यहीं सबसे अधिक साड़ियां तैयार की जाती हैं. इसके अलावा बागलकोट, बादामी तथा तेरदल विधानसभा क्षेत्रों में भी ये साड़ियां बनाई जाती हैं.
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भाजपा ने किया था कब्जा
बागलकोट जिले में कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं. साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां पांच सीटें जीती थीं, वहीं बादामी सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया था, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया जीते थे. आप ने बुनकर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नागराज होंगल (55) को हुनगुंड सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. होंगल 2005 से बुनकरों की समस्याओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं.
किए ये वादे
दिलचस्प बात यह है कि तेरदल विधानसभा क्षेत्र से बुनकरों के अनुरोध पर कुरुहिनाशेट्टी पीठ के जगदगुरु शिवशंकर शिवाचार्य स्वामीजी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हैं. भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने बुनकर समुदाय से किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. आप उम्मीदवार ने इलकल गांव के बुनकरों के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने और कम मूल्य मिलने, पांच एचपी तक नि:शुल्क बिजली मिलने के बावजूद बिजली के बढ़े बिल आदि बुनकरों की प्रमुख समस्याएं हैं.
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