Road Accident: जम्मू-कश्मीर में इस साल अक्टूबर तक 4500 से ज्यादा सड़क दुर्घटना के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 650 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है. वहीं, घाटी में साल 2024 के नवंबर महीने के शुरुआती सप्ताह तक चरमपंथ से संबंधित हत्या की 58 घटनाएं हुई हैं.
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Road Accident: जम्मू-कश्मीर में हर साल आतंकवादी हमले में सैकड़ों आम लोगों की जान चली जाती है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि घाटी में हर साल आतंकवादी हमले में मरने वाले लोगों से ज्यादा मौतें सड़क हादसे में हो जाती है.
केंद्रशासित प्रदेश में पिछले कुछ सालों में सड़क दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है, जो अधिकारियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर रोज सैकड़ों सड़क हादसे होते हैं, जिसमें से 60 फीसदी लोगों की मौत जाती है. वहीं, 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक पूरे क्षेत्र में 4500 से अधिक दुर्घटना के मामलों में 650 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है.
पिछले एक साल की तुलना करें तो आतंकी हमलों में मारे गए लोगों और सुरक्षाकर्मियों की तादाद से करीब चार गुणा ज्यादा है. 2024 में जम्मू-कश्मीर में इस साल अक्टूबर तक 4500 से ज्यादा दुर्घटना के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 650 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. वहीं, जम्मू कश्मीर में साल 2024 के नवंबर महीने के शुरुआती सप्ताह तक चरमपंथ से संबंधित हत्या की 58 घटनाऍं हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन घटनाओं में 30 आम लोग, 26 सुरक्षाकर्मी और 63 चरमपंथी मारे गए हैं.
इन सड़क दुर्घटनाओं में 6000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस का ट्रफिक पुलिस अब ट्रफिक नियमों के बारे में जागरूकता के लिए आक्रामक रूप से कैंपेन चला रहा है और माता-पिता को बच्चों/नाबालिगों को गाड़ी चलाने की अनुमति न देने की सलाह दे रहा है.
टेंगपोरा की घटना से सदमे में घाटी
हाल ही में श्रीनगर के टेंगपोरा इलाके में हुई एक दुर्घटना के बाद पुलिस यह कैंपेन चलाया है. दरअसल, टेंगपोरा में सड़क हादसे में दो स्कूली बच्चों की जान चली गई थी, जबकि एक गंभीर शदीद जख्मी हो गया. दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद पूरी कश्मीर घाटी सदमे में है. ट्रैफिक पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों गाड़ियों को जब्त किया है, जिन्हें या तो नाबालिग या बिना लाइसेंस वाले लोग चला रहे थे.
इस पूरे मामले पर ट्रैफिक एसएसपी श्रीनगर मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि सड़क हादसों से बचन के लिए हम लगातार मुसाफिरों को जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं और जागरूकता पैदा कर रहे हैं, बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग भी इसका समर्थन कर रहे हैं. अगर हमें शुरू से ही इस तरह का समर्थन मिलता तो हम टेंगपोरा दुर्घटना में उन दो बच्चों को बचा सकते थे."
5 लाख गाड़ी को कंट्रोल करने के लिए महज तीन सौ ट्रैफिक पुलिसकर्मी
कश्मीर में नाबालिगों का गाड़ी चलाना सबसे बड़ा मुद्दा है. इस बाबत एसएसपी ने कहा कि इसके जिम्मेदारी उनके माता-पिता हैं. अगर बच्चे पकड़े जाते हैं, तो कानून बहुत सख्त है. श्रीनगर शहर में आम तौर पर हर साल सड़क दुर्घटना के मामलों में करीब 48-52 लोग मर जाते हैं. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि करीब 55 फीसदी मामलों में पैदल यात्री अपनी जान गंवाते हैं. बता दें कि श्रीनगर में सरकार के पास करीब 5 लाख गाड़ी रेजिस्टर्ड हैं, जबकि सड़कों पर यातायात को कंट्रोल करने के लिए महज 300 ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात हैं.