Jammu and Kashmir News: जम्मू व कश्मीर सदन में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राज्य का दर्जा बहाली पर पास विधेयक की मुखालफत की है. उन्होंने सदन के अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग की है. इस पर अध्यक्ष ने जवाब दिया है.
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Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने सदन की तरफ से पारित खास दर्जे से जुड़े प्रस्ताव को वापस लेने या पद छोड़ने संबंधी भाजपा की मांग को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी को उन पर भरोसा नहीं है, तो उसे अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए. उन्होंने विपक्षी पार्टी पर उसकी "घटिया नारेबाजी" को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "वे (भाजपा विधायक) अध्यक्ष से प्रस्ताव वापस लेने के लिए कह रहे हैं. अध्यक्ष के पास अधिकार नहीं हैं."
विशेष दर्जे की बहाली पर भाजपा का विरोध
पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग वाला प्रस्ताव बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित किया गया था. घाटी के राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, जबकि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसका विरोध किया तथा इसे वापस लेने की मांग की.
केंद्र सरकार ने रद्द किया था अनुच्छेद 370
नरेन्द्र मोदी सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया था और भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने लगातार दो दिन तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी और मांग की कि अध्यक्ष या तो प्रस्ताव वापस लें या पद छोड़ दें.
पद से हटाने के लिए प्रक्रिया का करें पालन
भाजपा सदस्यों ने कहा, "एक अध्यक्ष ऐसा कैसे कर सकता है? मेरी सलाह है कि वे विधानसभा के नियमों को पढ़ें और फिर सदन में बोलें." अध्यक्ष ने कहा कि यदि भाजपा सदस्यों को सदन के अध्यक्ष के रूप में उन पर विश्वास नहीं है, तो उन्हें हटाने के लिए विपक्षी सदस्यों को उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे कोई चिंता नहीं है, लेकिन यदि उन्हें अध्यक्ष पर भरोसा नहीं है तो नारे लगाना कोई तरीका नहीं है. अविश्वास प्रस्ताव की एक प्रक्रिया होती है." राठेर ने कहा, "उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए. यदि सदन इसे पारित कर देता है, तो मैं खुद ही वापस चला जाऊंगा, चाहे कोई सदस्य मुझे कहे या नहीं. हालांकि वे (भाजपा सदस्य) ऐसा भी नहीं करेंगे और केवल नारे लगाते रहेंगे."