Israel Palestine War: इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे वॉर को लेकर जामिया, जेएनयू और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मार्च निकाला गया. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें
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Israel Palestine War: फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच चल रही जंग काफी गंभीर रूप ले चुकी हैं. इसमें 1100 लोगों की जान जा चुकी है और कई जगहों पर इज़राइल की सेना हमास से जंग लड़ रही है. इस सब के बीच भारत के कई हिस्सों में फिलिस्तीन के हक में प्रोटेस्ट किया जा रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जेएनयू और जामिया में भी फिलिस्तीन के हक में मार्च निकाला गया. जिसके चलते सिक्योरिटी का भारी इंतेजाम देखने को मिला.
हालात की संजीदगी को देखते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया कॉलेज के बाहर पुलिस के साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है, हालांकि जेएनयू यानी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में मार्च निकालने की इजात नहीं दी गई है. AISA और JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष ने इस वॉर में फिलिस्तीन को समर्थन दिया है. उधर जामिया के NSUI यूनिट ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है. छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थ में कई ट्वीट भी किए हैं.
इस वॉर को लेकर पूर्व JNUSU अध्यक्ष ने कहा है कि फिलिस्तीन की लड़ाई कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है, बल्कि ये अपनी पहचान की एक लड़ाई है और अपनी आजादी की एक लड़ाई है. जिस तरह हमने अंग्रजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी उसी तरह फिलिस्तनी इज़राइल के खिलाफ लड़ रहा है. जिस तरह मासूम इज़राइलियों पर हमला हुआ है, उसी तरह का हमला इज़राइल पिछले 40 सालों से बच्चों, मांओं और बुजुर्गों पर करता आ रहा है.
इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि पहले AMU में मार्च, फिर राजस्थान युवा कांग्रेस के सचिव का ट्वीट, फिर आशी घोष का बयान, आइसा JNU का ट्वीट ये सब आतंकियों और जिहादियों के समर्थन में क्यों? ये भारत की सोच नहीं हो सकती , इज़राइल ने उसी आतंक का सामना किया है जिसका सामना भारत सदियों से कर रहा हैं, भारत ऐसी आतंकी और जिहादी सोच के साथ कभी नहीं हो सकता, कांग्रेस लेफ्ट इकोसिस्टम और इण्डी गठबंधन के कुछ लोग हमास और आतंक के समर्थन में क्यों? राजनीति से ऊपर उठकर इसका बहिष्कार ज़रूरी है.
इज़राइल की सेना 7-8 प्वाइंट्स पर हमास के लड़ाकों के साथ भिड़ रही है. 1100 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 2 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. ज्ञात हो कि शनिवार के दिन हमास ने इज़राइल पर रॉकेट्स से हमला किया था. इसी दौरान लड़ाके देश में दाखिल हो गए थे और तभी से कत्लेआम जारी है. इज़राइल की एजेंसी ज़का को शनिवार के रोज 260 लाशें मिली हैं, यह लाशें म्यूजिक फेस्टिवल में शामिल होने वालों की बताई जा रही हैं.