Bilkis Bano culprits release from Jail: बिल्कीस बानो मामले में 15 साल जेल की सजा काटने के बाद गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था.
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दाहोदः गुजरात के 2002 दंगों के दौरान बिल्कीस बानो के साथ बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सज़ा पाए 11 दोषियों को सरकार ने माफी नीति के तहत 15 अगस्त को रिहा कर दिया है, जिसके बाद देशभर में उनकी रिहाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी बीच गुजरात के दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव के एक शख्स ने मंगलवार को दावा किया कि 11 दोषियों की रिहाई के बाद सुरक्षा चिंताओं के चलते कई मुसलमान उस गांव को छोड़कर चले गए हैं. वह घटना इसी गांव में हुई थी.
गौरतलब है कि सांप्रदायिक दंगों के बीच, रंधिकपुर गांव में तीन मार्च 2002 को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी.
गांव में हैं 70 मुस्लिम परिवार
उधर, पुलिस ने रंधिकपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है, क्योंकि जेल से रिहा हुए लोग पड़ोस के गांव से हैं. पुलिस ने माना है कि कुछ लोग गांव छोड़कर चले गए हैं. रंधिकपुर निवासी शाहरुख शेख ने कहा कि 70 मुस्लिम परिवार डर के साये में जी रहे हैं, जबकि कई अन्य लोग गांव छोड़कर बाहर चले गए हैं. वे अन्य क्षेत्रों में अपने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ रह रहे हैं. पेशे से दिहाड़ी मजदूर शेख ने कहा, ‘‘ हम डरे हुए हैं. हमने जिलाधिकारी से अपील की है कि दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाए और ग्रामीणों को सुरक्षा मुहैया की जाए.”
जिलाधिकारी से मांगी सुरक्षा
दाहोद के जिलाधिकारी को सोमवार को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने डर की बात कहते हुए सुरक्षा की मांग की है. ग्रामीणों ने कहा कि वे इसलिए गांव छोड़कर जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता है. ज्ञापन में कहा गया है कि जब तक 11 मुजरिमों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, वे वापस नहीं लौटेंगे. वहीं, पुलिस ने कहा है कि दोषी रंधिकपुर के पास के एक गांव के रहने वाले हैं, लेकिन वे अभी उस इलाके में मौजूद नहीं हैं. हालांकि पुलिस ने स्वीकार किया है कि कुछ ग्रामीण गांव छोड़कर चले गए हैं.
पुलिस ने स्वीकारी पलायन की बात
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आर. बी. देवधा ने कहा, “ हमने स्थानीय लोगों से बात करने के बाद निश्चित स्थानों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है और गश्त बढ़ा दी है.” कुछ ग्रामीण अपना घर छोड़कर दूसरे शहरों में अपने रिश्तेदारों के साथ रहने चले गए हैं. पुलिस रंधिकपुर में लोगों के संपर्क में है और उनकी चिंताओं को दूर कर रही है. दाहोद के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा है कि 11 दोषी रंधिकपुर के पास सिंगवड़ गांव के मूल निवासी हैं, लेकिन वे इलाके में मौजूद नहीं हैं.
दोषियों का अभिनंदन करना ठीक नहीं थाः फैसला सुनाने वाले जज
बिल्कीस बानो मामले में दोषियों को 14 साल पहले सजा सुनाने वाले जज ने मंगलवार को कहा कि सजा से माफी देना सरकार की शक्तियों के दायरे में आता है, लेकिन कसूरवारों का जिस तरह से कुछ लोगों ने ‘अभिनंदन’ किया वह ठीक नहीं था. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू डी साल्वी ने ‘यूनाइटेड अगेंस्ट इंजस्टिस एंड डिस्क्रिमिनेशन’ की तरफ से आयोजित ‘सॉलिडैरिटी विद बिल्कीस बानो’ नामक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ खास किया था उन्हें दोषी ठहरा कर. मेरा फैसला मेरा कर्तव्य था.’’ न्यायमूर्ति साल्वी ने कहा, ‘‘राज्य के पास माफी का अधिकार होता है. उन्होंने कहा कि वह दोषियों को वक्त से पहले रिहा किए जाने के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता, क्योंकि उन्होंने संबंधित रिपोर्ट नहीं देखी है, और उन्हें नहीं पता कि किन तथ्यों को ध्यान में रखा गया है. न्यायमूर्ति साल्वी ने कहा, ‘‘ लेकिन उनका अभिनंदन बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं थी. दोषियों को भी यह अभिनंदन स्वीकार नहीं करना चाहिए था.’’
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