इनविटेशन कार्ड, 2000 लोगों को दावत और 4 लाख रुपये का खर्चा, कार के अंतिम संस्कार का पहला मामला!
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इनविटेशन कार्ड, 2000 लोगों को दावत और 4 लाख रुपये का खर्चा, कार के अंतिम संस्कार का पहला मामला!

Car Funeral in Gujarat: गुजराती परिवार के मुखिया संजय को अपनी कार से इतनी मोहब्बत थी कि वह उसे बेचने की बजाय उसका अंतिम संस्कार कर रहे हैं. इस मौके पर संजय ने पूरे गांव के 2000 लोगों को इनविटेशन कार्ड के जरिए दावत दिया है. इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. 

इनविटेशन कार्ड, 2000 लोगों को दावत और 4 लाख रुपये का खर्चा, कार के अंतिम संस्कार का पहला मामला!

Gujarati Family Car Funeral: अक्सर जब लोगों की गाड़ी खराब हो जाती है या पुरानी हो जाती है तो वह उसे बेच देते हैं या फिर एक्सेंज ऑफर में डालकर नई गाड़ी ले लेतें हैं, लेकिन गुजरात के एक परिवार को अपनी कार से इतना प्यार था कि वह उसे कबाड़ में बेचने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे. परिवार का कहना है कि "वह कार उनकी लकी कार है और वह उसे किसी को नहीं बेचेंगे. ऐसे में अब गाड़ी काफी पुरानी हो चुकी थी और सड़क पर चलने के लिए वैध नहीं थी, इसलिए परिवार के लोगों ने किसी इंसान की तरह उसका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया. 

4 लाख रुपये का खर्च हुआ समाधि में 
गुजराती परिवार ने पूरे रस्मों रिवाज के साथ अपनी वैगन आर कार को समाधि दी. इसके लिए उन लोगों ने कार को पूरी तरह से फूलों से सजाया और इसके बाद कार को पूरे गांव में घुमाया और फिर लोगों की मौजूदगी में उसे समाधि दे दी. इस पूरे काम में गुजराती परिवार को 4 लाख रुपये का खर्च हुआ. कार की समाधि से पहले परिवार ने इलाके के 2000 लोगों को खाना भी खिलाया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. 

12 साल पहले ली थी कार 
मामला गुजरात के अमरेली जिले का है, जहां के रहने वाले एक गुजराती परिवार के मुखिया संजय पोलारा ने 12 साल पहले एक वैगन आर कार खरीदी थी. कार के घर में आते ही लोगों की जिंदगी बदल गई,  संजय पोलारा आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत होने लगे, जिसकी वजह से परिवार वाले उस कार को ही भाग्यशाली मानने लगे और उसे अपने परिवार की सदस्य की तरह ट्रीट करना शुरू कर दिया. 

कार ने बदली परिवार की किस्मत
संजय पोलारा ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि "मैंने करीब 12 साल पहले इस कार को खरीदा था. कार के घर आने के बाद हम धीरे-धीरे आर्थिक रूप से मजबूत होने लगे. बिजनेस में काफी फायदा भी होने लगा, और समाज में हमारे परिवार को काफी इज्जत मिलने लगी. संजय ने कहा कि हमें लगने लगा कि ये कार मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी लकी है. अब ये पुराना हो गया है, इसलिए मैं इसे बेचने की बजाय इसका अंतिम संस्कार कर रहा हूं."

कार की समाधि के ऊपर पेड़ 
कार की समाधि के बाद संजय ने उसके ऊपर एक पेड़ भी लगाया ताकि आने वाले वक्त में गांव और उसके परिवार के लोगों को पता हो कि इस पेड़ के नीचे उसके परिवार की फेवरेट गाड़ी दफन है. 

कार की समाधि के लिए इनविटेशन कार्ड 
संजय ने इस मौके पर पूरे गांव के लोगों को चार पन्नों का इनविटेशन कार्ड भेजा था, जिसमें लिखा था कि "ये कार साल 2006 में हमारे पास आई और हमारे परिवार का हिस्सा बन गई. इस कार की वजह से हमारी किस्मत बदली है. हमें पैसे, इज्जत और शोहरत इसी कार की वजह से मिली है. हम चाहते हैं कि ये कार हमेशा हमारे यादों में रहे. इसलिए मेरा पूरा परिवार इस कार की समाधि की तैयारी कर रहे हैं. आप सभी को इस मौके पर निमंत्रण देते हैं."

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