केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को राज्य सरकारों के साथ बैठक कर कोविड संक्रमण को लेकर चेताया और इसकी रोकथाम के लिए एहतियाती उपायों को करने पर जोर दिया.
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नई दिल्लीः कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामलों में इजाफे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. लोगों को अभी भी होशियार रहने और कोविड व्यवहार का पालन करने की जरूरत है. मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निगरानी जारी रखने और मुल्क में वायरस के नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए जीनोम अनुक्रमण पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है. मंत्री ने कहा कि जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उपचार, टीकाकरण और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच- सतही रणनीति को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी रखने और निगरानी करने की जरूरत है.
हर घर दस्तक 2.0 प्रोग्राम के हालात और प्रगति की समीक्षा
कमजोर आयु समूहों के बीच कोविड-19 रोधी टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से महीने भर आयोजित होने वाले विशेष अभियान- हर घर दस्तक 2.0 प्रोग्राम के हालात और प्रगति की समीक्षा करने का आग्रह किया. यह अभियान एक जून से शुरू हुआ था. मांडविया ने कहा, ‘‘पहली और दूसरी खुराक के लिए 12-17 आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों की पहचान करने के कोशिशों में तेजी लाने की जरूरत है ताकि वे टीके से मिली सुरक्षा के साथ स्कूलों में जा सकें.’’
12-17 आयु वर्ग पर ध्यान दिए जाने की जरूरत
बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से स्कूल-आधारित अभियानों के माध्यम से 12-17 आयु वर्ग पर ध्यान दिए जाने के साथ-साथ स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के लिए भी गर्मी की छुट्टियों के दौरान टीकाकरण कवरेज पर जोर देने की अपील की. उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र का जनसंख्या समूह एक संवेदनशील श्रेणी है और इसे एहतियाती खुराक के साथ सुरक्षित करने की जरूरत है. मांडविया ने कहा, ‘‘हमारे स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कमजोर आबादी को एहतियाती खुराक दी जाए.
18-59 आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक पर जोर
बयान में कहा गया है कि राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से निजी अस्पतालों के साथ 18-59 आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक दिए जाने की नियमित रूप से समीक्षा करने का भी आग्रह किया गया. राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों में सपम रंजन सिंह (मणिपुर), आलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), थन्नीरू हरीश राव (तेलंगाना), अनिल विज (हरियाणा), ऋषिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात), बन्ना गुप्ता (झारखंड), मंगल पांडे (बिहार), राजेश टोपे (महाराष्ट्र), प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश) और के सुधाकर (कर्नाटक) बैठक में उपस्थित थे.
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