अब मोदी की नजर में भी नेहरु महान! कांग्रेस की तारीफ में संसद में क्यों बिछ गए प्रधानमंत्री ?
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अब मोदी की नजर में भी नेहरु महान! कांग्रेस की तारीफ में संसद में क्यों बिछ गए प्रधानमंत्री ?

दिन-रात पानी पी-पीकर कांग्रेस और पंडित जवाहर लाल नेहरु को कोसने और उनपर देश को बर्बाद करने का आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कांग्रेस के शासन और उसके पूर्व प्रधानमंत्रियों की तारीफ की सारी सीमाएं पार कर दी. आईये, देखते हैं, देश के निर्माण में मोदी उनका कितना योगदान मानते हैं ?  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्लीः संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यवहार संसद भवन में अभूतपूर्व और आश्चर्यजनक था, खास कर कांग्रेस और उसके सांसदों के लिए. प्रधानमंत्री ने संसद में वह किया जिसकी किसी ने कभी उम्मीद नहीं की थी. विपक्षी सांसदों के साथ ही सत्ता पक्ष के सांसद भी मोदी के इस व्यवहार से दंग थे. 

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन और पुरानी संसद भवन के आखिरी दिन संसद में अपना संबोधन दे रहे थे. उन्होंने भारतीय लोकतंत्र के 75 सालों के इतिहास, परंपरा और उपलब्धियां में पुरानी संसद भवन के योगदान का जिक्र कर रहे थे. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री, मनमोहन सिंह, इंदिरा गांधी और कांग्रेस के शासन काल की जमकर तारीफ की. 

देश के 75 सालों के संसदीय और लोकतांत्रिक इतिहास का जिक्र कांग्रेस और नेहरू के बिना नामुमकिन है, इसके बावजूद इस चीज को मोदी के मुंह से सुनना सभी के लिए हैरतअंगेज था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, पीवी नरसिंह राव, और मनमोहन सिंह समेत अनेक नेताओं के देश के निर्माण में योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 75 सालों में भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी कामयाबी यह रही कि सामान्य जन का संसद और लोकतंत्र पर भरोसा बढ़ा है. 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पंडित नेहरू, शास्त्री जी, अटल जी, मनमोहन सिंह तक देश का नेतृत्व करने वालों की बड़ी तादाद रही है. उन्होंने सदन के जरिए मुल्क को दिशा दी है. मुल्क को नए रंग रूप में ढालने का काम किया है. आज उनके गौरवगान का मौका है.’’ उन्होंने कहा कि देश के 75 साल के संसदीय इतिहास में सामूहिक प्रयास के नतीजों की गूंज विश्व में सुनाई दे रही है. 

राजीव गांधी को भूल गए मोदी 
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को तीन प्रधानमंत्रियों- पंडित नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी को उनके कार्यकाल के दौरान खोना पड़ा और सदन में उमंग और उत्साह के पलों के बीच आंसू भी बहे हैं. मोदी ने कहा कि यह वो सदन है जहां पंडित नेहरू के ‘ए स्ट्रोक ऑफ मिडनाइड’ भाषण की गूंज हम सभी को प्रेरित करती रहेगी. हालांकि, यहां मोदी राजीव गांधी को भूल गए, जिनकी कार्यकाल के दौरान हत्या हुई थी.

कांग्रेस की नीतियों की तारीफ 
प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू के प्रारंभिक मंत्रिपरिषद में मंत्री के तौर पर डॉ. भीमराम आंबेडकर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाएं भारत में लाने में जोर देते थे. इसका नतीजा मुल्क को आज भी लाभ के रूप में मिल रहा है. मोदी ने कहा कि आंबेडकर ने नेहरू सरकार में ‘जल नीति’ दी थी, तो शास्त्री ने ‘हरित क्रांति’ की नींव रखी थी. चौधरी चरण सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन किया तो नरसिंह राव की सरकार ने पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई आर्थिक नीतियों को अपनाने का साहस किया था.
 

देश की हर छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए कांग्रेस और नेहरु हैं ज़िम्मेदार 

गौरतलब है कि केंद्र की भाजपा नीत मोदी सरकार 2014 में सत्ता संभालने के बाद देश की हर छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए कांग्रेस के शासन और खास कर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को जिम्मेदार ठहराती रही है. वहीं, अगर किसी राज्य में चुनाव हो तो वहां भाजपा का पूरा चुनाव प्रचार कांग्रेस और नेहरु विरोध पर आकर सिमट जाता है. भाजपा, मोदी और उनके सभी नेताओं ने कांग्रेस के शासन को गुलामी और कुशासन का प्रतीक बताया है.

वहीं, यूपीए-1 और यूपीए-2 की मनमोहन सिंह की सरकारों को प्रधानमंत्री मोदी मां-बेटे की सरकार बताकर उसकी आलोचना करते रहे हैं. भाजपा और मोदी ने नेहरु और कांग्रेस को इतना निशाना बनाया है कि अब लोक भाजपा सरकार की हर गलती को खामियाजा मजाक-मजाक में पंडित नेहरु पर फोड़ देते हैं. यहां तक कि राज्यों में भाजपा की हार का ठीकड़ा भी पंडित नेहरु पर फोड़कर लोग भाजपा और प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाते हैं. लेकिन सोमवार को संसद में दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण में मोदी ने नेहरु के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने इसी सदन में कहा था कि, ‘‘सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी लेकिन यह देश रहना चाहिए.’’ 

तारीफ करने के बाद भी कांग्रेस खुश नहीं
हालांकि, मोदी के नेहरु और कांग्रेस के इतनी तारीफ करने के बाद भी कांग्रेस खुश नहीं दिखी. वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में अपने भाषण में ’सेलेक्टिव’ थे और उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार के दौरान लोगों को दिए गए अधिकारों के बारे में बात नहीं की. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान लोगों को सूचना का अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा, जैसे कानून दिए गए, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसका कोई जिक्र नहीं किया. मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में नोटबंदी जैसी विफलताएं भी  हुई लेकिन मोदी ने इसपर कुछ नहीं बोला. 

 

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