Delhi shelter home: दिल्ली में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां एक सेल्टर होम में सिर्फ 20 दिनों में 14 बच्चों की मौत हुई है. दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Delhi shelter home: दिल्ली के रोहिणी स्थित मानसिक रूप से विकलांगों के लिए बने सरकारी आवास (आशा किरण) से एक हैरान करने वाली खबर आई है. यहां सिर्फ 20 दिनों में 14 बच्चों की मौत हो चुकी है. मामला सामने आने बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बड़ा एक्शन लिया है. आप नेता ने एसीएस राजस्व को पूरे मामले की फौरन मजिस्ट्रेट से जांच कराकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिए हैं.
दिल्ली सरकार ने दिया निर्देश
दिल्ली सरकार की मंत्री ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है, जिनकी लापरवाही की वजह से ये मौतें हुई है और आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सही कदम उठाने को भी कहा गया है.
14 बच्चों की कैसे हुई मौत
जारी किए गए जांच पत्र में आतिशी ने इस बात का जिक्र किया कि आज, मुझे एक खबर (प्रतिलिपि संलग्न) मिली, जिसमें दिल्ली के रोहिणी में स्थित मानसिक रूप से विकलांगों के लिए सरकारी आवास (आशा किरण) में जनवरी, 2024 से 14 मौतों की घटना के बारे में बताया गया है. कथित तौर पर ये मौतें स्वास्थ्य समस्याओं और कुपोषण की वजह से हुईं और यह कैदियों को अपेक्षित सुविधाओं की उपलब्धता की कमी का संकेत देती हैं.
ऐसी चूक बर्दाश्त से है बाहर
उन्होंने आगे कहा, "राजधानी दिल्ली में ऐसी बुरी खबर सुनना बेहद चौंकाने वाला है और अगर यह सच है तो हम इस तरह की चूक बर्दाश्त नहीं कर सकते. यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और निवासियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ऐसे सभी घरों की स्थितियों में सुधार करने के लिए पूरी प्रणाली को सुधारने और कठोर कदम उठाने के लिए इसकी गहन जांच की जानी चाहिए."
फौरन करें कार्रवाई-आतिशी
आतिशी ने अपने पत्र के जरिए एसीएस, राजस्व को निर्देशित किया है कि पूरे मामले की फौरन मजिस्ट्रेट से जांच शुरू करें और 48 घंटों के भीतर उस पर एक रिपोर्ट सौंप दे. जिनकी लापरवाही की वजह से ये मौतें हुई हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करें. आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उठाए जाने वाले सुझावात्मक उपायों की सिफारिश करें. आशा किरण में हुई इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया है, जिसके बाद मंत्री को इस पर जांच के आदेश देने पड़े हैं.