Jamiat Meeting:"ये हमारा देश है, न हम आपके बुलाने से आए हैं, न कहने से जाएंगे: महमूद मदनी
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Jamiat Meeting:"ये हमारा देश है, न हम आपके बुलाने से आए हैं, न कहने से जाएंगे: महमूद मदनी

Jamiat Ulema Meeting: नई दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा ए हिन्द के इजलास का दूसरा दिन है. सम्मेलन में कई प्रस्ताव पास किए गए. इस दौरान मौलाना महमूद मदनी ने आरएसएस को दोस्ती की दावत तक दे डाली.

Jamiat Meeting:"ये हमारा देश है, न हम आपके बुलाने से आए हैं, न कहने से जाएंगे: महमूद मदनी

Jamiat Ulema Conference Second Day: नई दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा ए हिन्द के इजलास का दूसरा दिन है. सम्मेलन में कई प्रस्ताव पास किए गए. इस दौरान मौलाना महमूद मदनी ने आरएसएस को दोस्ती की दावत तक दे डाली. उलेमा ए हिन्द के इजलास के दूसरे दिन भी कई प्रस्ताव पास किए गए. पसमांदा मुसलमानों के मामले को लेकर पास किए प्रस्ताव में जमीयत ने कहा कि अच्छा है, कि सरकार पसमांदा मुसलमानों के बारे में सोच रही है. हम उसका स्वागत करते हैं लेकिन धारा 341 को अब ख़त्म करना चाहिए ताकि पसमांदा मुसलमानों को रिज़र्वेशन का फायदा मिल सके, जो मज़हब की बुनियाद पर हटा दिया गया . इसके अलावा मदरसों की आज़ादी और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर भी प्रस्ताव पास किया गया.

मदरसों को टारगेट करना बंद करे सरकार: मदनी
जमीयत ने कहा कि मदरसों को टारगेट करना बंद करना होगा. मदरसे मुसलमानों की तालीम को बढ़ा रहे हैं और आज़ादी से लेकर अब तक मदरसों का अहम किरदार रहा है. मदरसों में लगातार मॉडर्न एजुकेशन को ज़रूरी किया जा रहा है, धर्म को आधार बनाकर मदरसों को टारगेट नहीं किया जा सकता. सम्मेलन के दूसरे दिन  UCC को लेकर भी प्रस्ताव पास किया गया जिसमें सरकार पर इल्ज़ाम लगाया गया कि यूसीसी के ज़रिए सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ को ख़त्म करना चाहती है, लेकिन इस को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

"BJP-RSS से कोई मज़हबी दुश्मनी नहीं"
शनिवार को अपने सदारती बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमारे मुल्क में बेशुमार ज़बानें हैं. अलग अलग रहन सहन, सोचने के अलग अलग तरीक़ो के बावजूद मुल्क जुड़ा हुआ है. मदनी ने कहा कि ये ख़्याल कि हम पाकिस्तान चले गए होते, निकाल देना चहिए.  जिन लोगो का कनेक्शन उनके साथ यानी मुग़लों से था वो 1947 में चले गए. ये हमारा देश है, ना हम आपके बुलाए आए है, ना कहने से जाएंगे. मदनी ने कहा कि हमारी बीजेपी और आरएसएस से कोई मज़हबी दुश्मनी नहीं, बल्कि ऐसे मामलों को लेकर मतभेद है जो ग़लतफहमियां बढ़ाते हैं. हम आरएसएस के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं.

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