कवि कुमार विश्वास की वीआईपी सुरक्षा टीम को हाल ही में हुई रोड रेज की घटना की जांच होने तक उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है, जिसमें एक डॉक्टर ने दावा किया था कि कुमार विश्वास के सुरक्षा कर्मियों ने उसके साथ मारपीट की थी।
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रोड रेज की यह घटना 8 नवम्बर को तब सामने आयी थी जब कुमार विश्वास अपने काफिले के साथ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से अलीगढ़ जा रहे थे और उनके सुरक्षा कर रहे जवानों पर एक डॉक्टर ने मार -पीट के आरोप लगाए थे.
सूत्रों के मुताबिक कुमार विश्वास की सुरक्षा को बरक़रार रखने के लिए सीआरपीएफ कमांडो के दूसरे बैच ने अपने सहयोगियों की जगह ले ली है.
हाल ही में कुमार विश्वास के काफिले पर हुए हमले के मामले में, पुलिस जांच में हमले के आरोप झूठे पाए जाने के बाद FIR दर्ज कर बताया कि जांच में साबित नहीं हुआ कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने कुमार विश्वास के काफिले पर हमला किया था . 8 नवम्बर को कुमार विश्वास ने X पर ट्वीट करके हमले की सूचना दी थी, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचने के बाद एक डॉक्टर का बयान सामने आया जिसमें उसने कुमार विश्वास की गाड़ी को साइड न देने के कारण अपने ऊपर मार -पीट के दावे किये.
DR की शिकायत के बाद हुआ केस दर्ज
पीड़ित व्यक्ति का नाम 35 वर्षीय डॉ. पल्लब बाजपेयी बतया जा रहा है, अपने बयान में डॉक्टर ने बताया कि बुधवार की शाम को वह अपनी कार से जा रहे थे जब एक पुलिस कार ने उनसे ओवरटेक करने की मांग की. उस समय, एक कार उनके पास से गुजरी, जिसमें सवार लोगों ने उनसे बहस करनी शुरू कर दी. बाद में उनकी कार को जबरदस्ती रोक दिया गया और उनके साथ मार -पीट की गयी,ओर उनसे उनकी स्मार्ट वॉच भी छीन ली गई डॉ. बाजपेयी गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहते हैं और दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में फ्रीलांसर के रूप में एनेस्थेटिस्ट का काम करते हैं. घटना के समय वे वैशाली के स्वास्थ्य अस्पताल जा रहे थे.
क्या होगी अब आगे की कार्रवाई ?
कुमार विश्वास के सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ इंदिरापुरम पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है और सीआरपीएफ director general S L Thaosen के आदेश के बाद कोर्ट इनक्वारी के आदेश भी दिए हैं .उनका कहना था कि पहली बात यह है कि कमांडो ने शायद: सामान्य संचालन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। हालाँकि, सूत्रों ने कहा कि पूरी घटना की जानकारी जांच पूरी होने के बाद दी जाएगी.
सीआरपीएफ की पहली रिपोर्ट घटना के बारे में रिकॉर्ड किए गए मोबाइल वीडियो, कथित पीड़ित और सुरक्षा कर्मियों द्वारा दिए गए प्रारंभिक बयानों पर आधारित है. केंद्रीय गृह मंत्रालय और श्री विश्वास को परिणामों से अवगत कराया जाएगा.