Bypolls Result: देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. इन चुनावों के नीतजे काफी चौंकने वाले हैं. इन हारे हुए नेताओं को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चाएं हो रही हैं. बड़े पद की चाह रखने वाले में इन नेताओं को न तो कोई बड़ा पद मिल पाया और न ही ये अब विधायक रह पाए.
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Bypolls Result: देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. इन चुनावों के नीतजे काफी चौंकने वाले हैं. दल बदलू नेताओं के साथ बड़ा खेल हुआ है. सियासत तौर पर मजबूत होने के बावजूद पार्टी छोड़ने वाले 5 नेताओं को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है. जिन दल बदलू विधायकों के साथ यह खेल हुआ है, उनमें से हिमाचल के दो, बिहार के एक, उत्तराखंड और पंजाब के एक-एक नेता शामिल हैं.
इन हारे हुए नेताओं को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चाएं हो रही हैं. बड़े पद की चाह रखने वाले में इन नेताओं को न तो कोई बड़ा पद मिल पाया और न ही ये अब विधायक रह पाए. आइए जानते हैं वे पांचों नेता कौन हैं.
रूपौली से बीमा भारती की करारी हार
बिहार के एक मात्र सीट रूपौली उपचुनाव के नतीजे ने बिहार की सियासत को हिलाकर रख दिया है. इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जीत हासिल की है. शंकर सिंह ने जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल हराया है. वहीं राजद की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही है.
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से पहले बीमा भारती ने जेडीयू का दामन छोड़कर राजद में शामिल हो गई थी. बीमा पिछले 20 साल से रूपौली से लगातार जीत रही थीं. सांसद बनने की चाह में वह राजद की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ी, लेकिन यहां भी निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव के हाथों करारी हार मिली. वह पूर्णिया से तीसरे नंबर पर रहीं.
बीमा के इस्तीफे के कारण खाली हुई रूपौली सीट 10 जुलाई को मतदान हुआ था. एनडीए ने जेडीयू कोटे से कलाधर मंडल तो आरजेडी ने पूर्व मंत्री बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया. वहीं, शंकर सिंह ने निर्दलीय मैदान कूदे. इस त्रिकोणीय मुकाबले में जनता ने शंकर सिंह पर भरोसा जताया. बीमा भारती बुरी तरह हार गईं. वह तीसरे नंबर पर रहीं, जबकि जेडीयू कैंडिडेट कलाधर मंडल दूसरे नंबर पर रहे.
होशियार सिंह को लालच ने डुबाया
हिमाचल प्रदेश के देहरा सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में होशियार सिंह निर्दलीय उम्मीवार के रूप में जीत दर्ज की थी, लेकिन बड़े पद के चक्कर में उन्होंने 2024 के मार्च महीने में सियासी घमासन के बीच बीजेपी का दामन थाम लिया. होशियार सिंह ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.
जिसके चलते यहां उपचुनाव हुआ. कांग्रेस ने इस सीट से सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर पर भरोसा जताया.आखिरकार कांटे की टक्कर में कमलेश ने ठाकुर 9 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की.
बीजेपी के टिकट पर केएल ठाकुर को मिली हार
हिमाचल की नालागढ़ सीट पर भी 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार केएल ठाकुर चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन उन्होंने 2024 में होशियार सिंह के साथ अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. नालगढ़ उपचुनाव में केएल ठाकुर को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया लेकिन उन्हें कांग्रेस ने हरदीप सिंह बावा के सामन जनता ने नकार दिया. चुनाव आयोग के मुताबिक नालागढ़ सीट से हरदीप बावा ने करीब 9 हजार वोटों से जीत गए हैं.
राजेंद्र भंडारी के साथ हुआ खेला
उत्तराखंड के बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन था लिया था. जिसके कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया था. भंडारी मंत्री बनने की चाहत में बीजेपी में शामिल हुआ था, लेकिन उपचुनाव में ही उनके साथ बड़ा खेल हो गया. इस सीट से कांग्रेस के लखपत बुटौला ने 5 हजार से ज्यादा वोटों से भंडारी को शिकस्त दी है. पिछली बार से इस बार उन्हें 10 हजार वोट कम मिले हैं.
अपने चक्रव्यूह में फंसे शीतल अंगुराल
पंजाब के जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट से 2022 में शीतल अंगुराल ने कांग्रेस के सुशील रिंकू को करीब 5 हजार वोटों से हराया था. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शीतल बीजेपी के साथ हो गई. शीतल के बीजेपी में जाने से आम आजमी भारी नुकसान होत हुआ दिख रहा था,लेकिन आप ने भी ऐन वक्त पर डैमेज कंट्रोल करते हुए यहां से बीजेपी के प्रत्याशी रहे मोहिंदर पाल भगत को टिकट दे दिया. मोहिंदर पाल भगत ने इस बार शीतल को करीब 40 हजार मतों से पटखनी दी.