Budget 2024 and Agriculture: गांव- क़स्बा, खेती और किसानी को इस बजट में सरकार ने क्या दिया ?
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Budget 2024 and Agriculture: गांव- क़स्बा, खेती और किसानी को इस बजट में सरकार ने क्या दिया ?

Budget 2024 and Agriculture: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2024 का पूर्ण बजट पेश कर दिया है. इस बजट में खेती- किसानी से जुड़े कामों के लिए 11,500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान करते  हुए कृषि के लिए 9 प्राथमिकताएं तय की हैं, जिससे किसानों और उनके कृषि उत्पादन की हालत सुधारी जायेगी.

अलामती तस्वीर

नई दिल्ली:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट संसद में पेश कर दिया है. बजट में वित्त मंत्री ने किसानों पर ख़ास फोकस किया है. वित्त मंत्री ने मुल्क के 400 जिलों में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) का इस्तेमाल करते हुए खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वे करने का ऐलान करते हुए कहा कि पांच राज्यों में जनसमर्थन बेस्ड किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे. इसके साथ ही झींगा, मछली, ब्रूडस्टॉक के लिए केंद्रीयकृत प्रजनन केंद्रों का नेटवर्क कायम करने के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराया जाएगा.  वहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और रोजगार पैदा करने में तेजी लाने के मकसद से राष्ट्रीय सहयोग नीति तैयार किया जाएगा.  बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 

भूमि सुधारों पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श करेगी सरकार: वित्त मंत्री 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भूमि सुधारों पर राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श करेगी. सीतारमण ने कहा कि मुल्क में शहरी निकायों की माली  स्थिति में सुधार के लिए शहरी इलाकों में जमीन के कागज़ात को डिजिटल किया जाएगा. सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजनाओं के लिए त्वरित सिंचाई कार्यक्रम और दीगर सोर्स के तहत मदद फराहम करेगी. इसके अलावा केंद्र प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्यों - हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को मदद करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश को जल, बिजली, रेलवे और सड़क जैसे ज़रूरी बुनियादी ढांचे की तरक्की को बढ़ावा देने को बजट देगी.  

मुश्किल दौर में भी भारत की इकॉनमी चमक रही
वित्त मंत्री ने बजट में 9 प्राथमिकताएं तय की हैं, जिसमे खेती में प्रोडक्शन, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास, सामाजिक इन्साफ, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी तरक्की, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसंरचना(इन्फ्रास्ट्रक्चर), नवाचार, शोध और विकास, अगली पीढ़ी के सुधार सहित दीगर मामलो को तरजीह देने की बात कही गई है.  बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “भारत की अवाम ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना भरोसा जताया है. उन्हें ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है- ” वित्त मंत्री ने कहा कि मुश्किल दौर में भी भारत की इकॉनमी चमक रही है. वित्त मंत्री ने कहा, “भारत की इकॉनमी का ग्रोथ रेट लगातार शानदार बना हुआ है. भारत की मुद्रास्फीति भी अभी स्थिर बनी हुई है, जो 4 फीसदी के लक्ष्य की जानिब आगे बढ़ रही है. गरीब, नौजवान, महिला, किसान जैसे प्रमुख वर्गों पर ध्यान देने की कोशिश की जा रही है.  रोजगार, कौशल, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है." पीएम गरीब कल्याण योजना को पांच साल के लिए बढ़ाए जाने का ऐलान किया गया है, जिससे  देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा होगा. 

वित्त मंत्री ने कहा, "एमएसएमई के लिए मशीनरी और उपकरणों की खरीद के लिए संपार्श्विक और गारंटी के बिना सावधि क़र्ज़ की सुविधा के लिए, एक नई योजना शुरू की जाएगी. यह गारंटी फंड 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी प्रदान करेगा."  उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखने का प्रयास करेगी, क्योंकि यह क्षेत्र रोजगार सृजन पर कई गुना प्रभाव डालता है,और विकास दर को बढ़ाता है. इस साल पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो भारत की जीडीपी का 3.4 प्रतिशत है. 

 

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