NPP On UCC: अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन करने वाली नेश्नल पीपल पार्टी ने समान नागरिक संहिता पर अपना अलग पक्ष रखा है. वह इस कानून को सपोर्ट नहीं करते हैं.
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NPP On UCC: अरुणाचल प्रदेश की यूनिट नेश्नल पीपल पार्टी (NPP) ने समान नागरिक संहिता (UCC) को पूर्वोत्तर के राज्यों में लागू करने की मुखालफत करने का फैसला किया है. NPP के राज्य के सचिव पकंगा बागे ने कहा कि UCC की मुखालफत करने का फैसला एक्सेकुटिव मीटिंग में शनिवार को लिया गया. NPP के राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष लीखा साया ने कहा है कि "हालांकि NPP का भाजपा के साथ विकासात्मक मुद्दों पर गठबंधन है लेकिन इलाकाई पार्टियों की अपनी अगल विचारधारा है."
NPP ने क्या कहा?
बागे ने कहा कि पार्टी ने राज्य की विविध बहु-जातीय और बहु-आदिवासी संरचना के हिसाब से पारंपरिक पहचान का हवाला देते हुए UCC के विरोध का प्रस्ताव अपनाया है. NPP इस UCC की मुखालफत क्यों कर रही है इसका हवाला देते हुए कहा कि चूंकि अरुणाचल प्रदेश के अपने अलग कानून हैं, इसलिए NPP ने सबकी रजामंदी से कुछ संशोधनों के साथ प्रथागत कानूनों के साथ जाने का प्रस्ताव बनाया है. उन्होंने आगे कहा कि "राज्य और केंद्र सरकारों को मौजूदा प्रथागत कानूनों को जनजातीय प्रथाओं के साथ संरेखित करने के लिए जरूरी बदलावों के साथ संहिताबद्ध करने पर ध्यान देना.
क्या है UCC?
बता दें कि UCC शादी, तलाक और विरासत पर कानूनों के एक सामान्य सेट को संदर्भित करता है जो धर्म, जनजाति या अन्य स्थानीय रीति-रिवाजों के बावजूद सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होगा. यह बताया जा रहा है कि यह एक एडवाइज के तौर पर होगा.
विधि आयोग ने मांगी प्रतिक्रिया
विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक दलों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से अपने विचार और इस पर आपत्ति मांगी है. मुसलमानों की सबसे बड़ी तंजीम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि आदिवासियों की तरह ही मुस्लमानों को भी इस कानून से बाहर रखा जाए. मुस्लिम अपने धर्मों से बंधे हुएं हैं. इस्लाम के कानूनों में बदलाव नहीं हो सकता है.