Telangana News: लोकसभा इलेक्शन से पहले नेताओं का दल-बदल का खेल जारी है. इस बीच बीजेपी के पूर्व सांसद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद एपी जितेंद्र रेड्डी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
Trending Photos
Telangana News: इलेक्शन कमीशन आज यानी 16 मार्च को आगामी लोकसभा इलेक्शन 2024 की तारीखों का ऐलान करने वाला है. वहीं, राजनेताओं का दल बदल को खेल जारी है. इस बीच तेलंगाना से बड़ी खबर सामने आई है. जहां, बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है. पूर्व सांसद एपी जितेंद्र रेड्डी ने 15 मार्च को बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और कांग्रेस प्रभारी दीपादास मुंशी ने उनका पार्टी में स्वागत किया है. कांग्रेस में शामिल होने के बाद चीफ मिनिस्टर रेवंत रेड्डी ने जितेंद्र रेड्डी को बड़ा तोहफा दिया है. उन्हें नई दिल्ली में तेलंगाना सरकार का विशेष प्रतिनिधि और खेल मामलों का सलाहकार नियुक्त किया है. इस बात की जानकारी खुद सीएम रेवंत रेड्डी ने दी है.
जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी
पूर्व सांसद जितेंद्र रेड्डी इस्तीफा देने के बाद बीजेपी के चीफ जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा, “भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं. माननीय पीएम नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली अगुआई में सभी आबादी के बीच जमकर विकास हुए. गृह मंत्री अमित शाह ने वैश्विक चुनौतियों के बीच हमारे मुल्क को सुरक्षित रखा हुआ है और मैं पूरे नेतृत्व का आभार व्यक्त करना चाहता हूं.”
पार्टी का जताया आभार
उन्होंने आगे कहा, "मुझे नेशनल एक्जिक्यूटिव सदस्य बनाकर पार्टी ने मेरे ऊपर जो विश्वास जताया उसका मैंने पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन किया. फिर वो चाहे 2019 के लोकसभा इलेक्शन हों या फिर उप चुनाव, जीएमएचसी इलेक्शन या फिर विधानसभा इलेक्शन. तेलंगाना में बंदी संजय गारू ने विकास कार्य जारी रखा और भाजपा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. पार्टी सूबे में ऊभर रही है और लोगों तक विकास का संदेश भी पहुंचा रही है.”
पूर्व सांसद ने क्यों दी इस्तीफा
पूर्व सांसद जितेंद्र रेड्डी ने इस्तीफा देने की वजह के बारे में लिखते हुए कहा, "राज्य नेतृत्व में बदलाव के बाद पार्टी ने उतार चढ़ाव भी है. खासतौर पर हाल ही में हुए विधानसभा इलेक्शन के दौरान, जहां तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों में से पार्टी को कम से कम 25 सीटें जीतनी चाहिए थीं. वहां पर सिर्फ 8 सीटें ही जीत पाए. यहां तक कि आने वाले लोकसभा इलेक्शन में भी हमारी पार्टी ने बाहरी लोगों को तवज्जो दी, जिन्होंने हाल ही हमारी पार्टी को ज्वाइन किया. मैंने अपनी बात राज्य और केंद्रीय नेतृत्व को कई बार बताई. इसलिए, मुझे खेद है कि मैं भाजपा से इस्तीफा दे रहा हूं. इस चिट्ठी को मेरा इस्तीफा माना जाए. आप सभी लोगों के साथ काम करके अच्छा लगा.”