मुस्लिम आरोपी के घर पर चलवा दिया था बुलडोजर, HC ने दिया 1 करोड़ मुआवजे का आदेश
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मुस्लिम आरोपी के घर पर चलवा दिया था बुलडोजर, HC ने दिया 1 करोड़ मुआवजे का आदेश

ASSAM NEWS:दो साल पहले असम सरकार ने एक थाने पर हमला करने के आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाकर उनक घर तोड़ दिया था. इस मामले में हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई को अवैध करार देते हुए सरकार को पीड़ित को मुआवजा देने का आदेश दिया है. 

 पीड़ित परिवार

गुवाहाटीः भाजपा शासित राज्यों में आरोपियों के घर तोड़े जाने को लेकर कई बार संबंधित राज्यों के हाईकोर्ट ने सरकारों को फटकार लगाते हुए इसे पूरी तरह गैर-कानूनी कृत्य बताया है. एक हालिया मामले में गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक फैसले से असम सरकार और वहां का पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आ गया है, जिसमें कोर्ट ने १० लोगों के घर तोड़ने पर सभी को १०- १० लाख का मुआवज़ा देने का आदेश सुनाया है. 

असम के नौगांव जिले के बत्ताद्रोबा थाने मे 2 साल पहले लॉकअप में सफीकुल इस्लाम नाम के एक व्यक्ति की मौत के बाद भड़की हिंसा में स्थानीय लोगों ने थाने में आग लगा दी थी. बाद में इस घटना के बदले की कार्रवाई के तहत पुलिस ने भीड़ में शामिल लोगों के घरों पर बुल्डोजर चलाकर उनका घर तोड़ दिया था. इस घटना के लगभग दो साल बाद हाईकोर्ट ने पुलिस के बुल्डोजर की कार्रवाई को अवैध बताते हुए पीड़ितों को 10- 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. इस घटना के बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट के सीनियर वकील जुनैद खालिद ने पीड़ित पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका देकर पीड़ित को मुआवजा देने की अपील की थी. 

सीनियर एडवोकेट जुनैद खालिद ने बताया कि गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम सरकार को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि जिन लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया था वह संपूर्ण गलत है, इसीलिए उन लोगों को सरकार मुआवजा दे. कोर्ट ने 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है, और अगले दो तीन दिनों में पीड़ित पक्ष को ये रकम मुहैया करा दी जाएगी. 
हालांकि, पीड़ित पक्ष ने मुआवजे की इस रकम से अपनी नाराजगी और असंतोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी नष्ट हुई संपत्ति के मुकाबले में मुआवजे की रकम काफी कम है. मुआवजे की रकम बढ़ाने के लिए वह एक बार फिर हाईकोर्ट से अपील करेंगे. 

फिलहाल कोर्ट के इस फैसले से असम सरकार बैकफुट पर आती दिख रही है. असम में भाजपा की सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार की राह पर चलते हुए हिमंत विश्वा सर्मा की सरकार ने जब भी मौका मिला मुसलमानों के घरों और संपत्तियों पर बुल्डोजर चलवा दिया. असम सरकार ने सबसे पहले कुछ मदरसों को अवैध बताते हुए और कुछ मदरसों में गैर-कानूनी गतिविधियों के संचालन का इल्जाम लगाकर उनपर बुल्डोजर चलवा दिया था. इसी तरह किसी मामले में फंसते ही मुस्लिम आरोपियों के घरों पर भी बुल्डोजर चलवाने का काम किया. असम सरकार के इस रवैये और कृत्य पर हाईकोर्ट सरकार को कड़ी फटकार लगा चुका है. इसके बावजूद भाजपा शासित प्रदेशों में बुलडोजर की कार्रवाई बदस्तूर जारी है. लेकिन, गुवाहाटी हाईकोर्ट के इस फैसले से पीड़ितों को जरूर अदालतों से सरकार के इस जुल्म का इंसाफ मिलने की उम्मीद जाग उठेगी.  

Report:  गुवाहाटी से शरीफ उद्दीन अहमद

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