आंदोलनकारी से राजनेता बनने तक जानें हार्दिक पटेल के बारे में सब कुछ
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आंदोलनकारी से राजनेता बनने तक जानें हार्दिक पटेल के बारे में सब कुछ

हार्दिक पटेल ने अपने सफर की शुरूआत एक आंदोलनकारी के तौर पर की. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की. 2 जून को उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली.

Hardik Patel

Who is Hardik Patel: गुजरात के पाटीदार आन्दोलन के नेता हार्दिक पटेल आज गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. उन्हें गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सदस्यता दिलाई. हार्दिक ने इससे पहले 18 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. हार्दिक ने साल 2019 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी. उन्हें साल 2020 में गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा देते वक्त राज्य से लेकर केंद्र तक के कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए. पाटीदार नेता से लेकर कांग्रेस से नाराज होने तक पढ़ें हार्दिक पटेल के बारे में.

जन्म और पढ़ाई

हार्दिक पटेल का जन्म जिला अहमदाबाद के गांव नागरी में हुआ. उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई यहीं से की. उन्होने स्नातक की पढ़ाई सहजनंद कॉलेज से की. पटेल ने अपनी बचपन की साथी किंजल से शादी की. 

पाटीदार आरक्षण आंदोलन

हार्दिक ने सरदार पटेल ग्रुप नाम की एक सामाजिक संस्था से कैरियर की शुरूआत की. पटेल ग्रुप ने ही साल 2015 में पाटीदारों के लिए OBC आरक्षण की मांग की थी. हार्दिक इस संगठन का सोशल मीडिया देखते थे. पाटीदार के लिए ओबीसी आरक्षण आंदोलन साल 2015 में शुरू हुआ था. पहले ये आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला. लेकिन यह आंदोलन तब चर्चा में आया जब विसनगर की रैली में इसके कार्यकर्ता हिंसक हो गए. भीड़ ने BJP के दफ्तर में आगजनी की. इसके बाद हार्दिक पटेल पर भी FIR दर्ज हुई. 

नया संगठन बनाया

इसके बाद हार्दिक पटेल और लालजी पटेल के बीच अनबन हुई और हार्दिक ने कुछ लोगों के साथ पाटीदार अमानत आंदोलन समिति (PAAS) का गठन किया. इस समिति ने पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाला मुख्य संगठन बना. 

आंदोलन में गई कई लोगों की जान

15 अगस्त साल 2015 को हार्दिक ने अहमदाबाद में एक रैली निकाली. इस रैली में हिंसा हुई. हार्दिक कुछ दिन हिरासत में रहे. इसके चलते राज्य में कई जगह दंगे हुए. 14 आंदोलनकारियों की जान गई. इसके बाद हार्दिक इस आंदोलन के मुख्य चेहरा बने.

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कांग्रेस के लिए मांगा वोट 

साल 2015 में ही हार्दिक को देशद्रोह के केस में गिरफ्तार किया गया. जुलाई 2016 में हार्दिक रिहा हुए. साल 2018 में वह पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर बैठ गए. साल 2017 में हार्दिक पटेल ने गुजरात के चुनाव में पाटीदारों की एक सभा में कांग्रेस के लिए वोट मांगा. बताया जाता है कि इसकी वजह से 2017 के चुनाव में बीजेपी को काफी नुक्सान हुआ था. BJP बहुत ही कम मार्जिन से चुनाव चीत सकी. उसे महज 100 सीटें ही मिली.

कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए

साल 2019 में हार्दिक पटेल ने कांग्रेस ज्वाइन किया. इसके बाद साल 2020 में हार्दिक को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया. 18 मई 2022 को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया.

दर्ज हैं कई मामले 

हार्दिक पटेल के खिलाफ साल 2015 से 2018 के दरमियान 30 एफआईआर दर्ज हुईं. इनमें से कई एफआईआर दंगा कराने और देशद्रोह जैसे मामलों की हैं. हार्दिक पटेल के मुताबिक फिलहाल उन पर 23 एफआईआर दर्ज हैं. उनके खिलाफ इस वक्त 11 मुकदमें चल रहे हैं.

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