खुद को बुराई से दूर रखना ही काफी नहीं, दूसरे को रोकना भी है एक मुसलमान की जिम्मेदारी
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खुद को बुराई से दूर रखना ही काफी नहीं, दूसरे को रोकना भी है एक मुसलमान की जिम्मेदारी

Islamic Knowledge: इस्लाम के मुताबिक सबसे अच्छा इंसान वह है जो अपने भाई और करीबी को बुरे काम करने से रोकता है. इससे उस शख्स का भला होता है साथ ही खुद का भी भला होता है.

खुद को बुराई से दूर रखना ही काफी नहीं, दूसरे को रोकना भी है एक मुसलमान की जिम्मेदारी

Islamic Knowledge: इस्लाम दूसरों को बुराई से रोकने की नसीहत देता है. इस्लाम का मानना है कि अगर आपका भाई या करीबी कोई गलत काम करता है तो उससे आपको भी नुकसान हो जाएगा. कुरान में जिक्र है कि तुम बेहतरीन उम्मत हो, क्योंकि तुम लोगों को बुराई से रोकते हो और लोगों को सही रास्ते पर चलने के लिए कहते हो. इस्लाम में बताया गया है कि खुद अच्छे इंसान बनना और दूसरों को बुराई से रोकना मोमिन की निशानी है.

बुरे कामों से किसी को रोकना इसलिए भी जरूरी है कि अगर किसी बिरादरी या इलाके का आदमी कोई गलत काम करता है. तो दूसरे लोग उस पूरी बिरादरी या उस इलाके को गलत कहते हैं. ऐसे में यह कहना गलत न होगा कि एक शख्स अपनी पूरी बिरादरी की पहचान रखता है.

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रोकने टोकने का सिलसिल बचपन से ही चलता है. बचपन में मां-बाप अपने बच्चों को कई चीजों के लिए रोकते हैं. कई बार मां-बाप अपने बच्चों को बुरे काम से रोकने के लिए डांटते डपटते हैं और उन्हें मारते हैं. इससे बच्चा न सिर्फ सही रास्ते पर चलता है बल्कि वह बड़ा होकर अच्छा इंसान बी बनता है.

अल्लाह ताला कुरान में एक जगह कहता है कि "वे अल्लाह और आख़िरत के दिन पर ईमान लाए और भलाई का आदेश देते हैं और बुराई से रोकते हैं और नेक कामों में तेजी से बढ़ते हैं, और वे नेक लोगों में से हैं." (कुरान: अलआरिफ 157/7)

प्रोफेट मोहम्मद स0. के मुताबिक अगर गलत काम करने वालों को नहीं रोगा जाएगा तो उसका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ेगा. उन्होंने इसकी मिसाल ऐसे दी है कि "जो लोग अल्लाह की नाफरमानी करते हैं और जो लोग खुदा की नाफरमानी करने वालों को टोकते नहीं, बल्कि नजरें बचा जाते हैं, उनकी मिसाल नाव के मुसाफिरों की है. नाव दो मंजिली है. लाटरी के जरिए कुछ लोग ऊपरी मंजिल में बैठे हैं और कुछ लोग निचली मंजिल में. निचले तले के लोग ऊपरी तले पर जाते ताकि डोल लटकाकर नदी से पानी ले सकें, तो ऊपर तलेवालों को तकलीफ होती थी और बुरा मानते थे. अत: निचले तले के लोगों ने कुल्हाड़ी ली और नाव के तख्ते उखाड़ना शुरू कर दिया. ऊपर वालों ने पूछा तुम यह क्या कर रहे हो? उन्होंने कहा: हमें पानी चाहिए. यदि ऊपर पानी लेने जाते हैं तो तुम्हें तकलीफ होती है, इसलिए नाव के तख्ते तोड़कर नदी से पानी लेंगे. प्रोफेट मोहम्मद स0 ने यह मिसाल देकर कहा कि: यदि ऊपरवाले नीचे वालों का हाथ पकड़कर तख्ता तोड़ने से रोक देते हैं, तो उन्हें भी डूबने से बचा लेंगे और अपने आपको भी बचा ले जाएंगे: लेकिन अगर उन्हें उनकी हरकत से नहीं रोकेंगे तो उन्हें भी डुबोएंगे और खुद भी डूबेंगे."

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