परेशान हुआ परिवार, कर्नाटक विधानसभा के सामने ही लगाने लगा आग, मच गया हड़कंप
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परेशान हुआ परिवार, कर्नाटक विधानसभा के सामने ही लगाने लगा आग, मच गया हड़कंप

Family Suicide Outside Karnataka Assembly: आर्थिक तंगी से परेशान आठ लोगों के एक परिवार ने कर्नाटक विधानसभा के बाहर आत्मदाह कर जान देने की कोशिश की हालाँकि, उन्हें पुलिस ने रोक दिया और हिरासत में ले लिया.

परेशान हुआ परिवार, कर्नाटक विधानसभा के सामने ही लगाने लगा आग, मच गया हड़कंप

Family Suicide Outside Karnataka Assembly: बेंगलुरु में बुधवार को कर्नाटक विधानसभा के सामने एक ही परिवार के आठ सदस्यों ने आत्मदाह करने की कोशिश की और अपनी जान देने की कोशिश की. पुलिस के मुताबिक परिवार के सदस्यों ने यह हताशापूर्ण कदम इसलिए उठाया क्योंकि वे बैंक द्वारा बकाया ऋण की वसूली के लिए उनके घर की नीलामी से परेशान थे.

विधान सौधा (कर्नाटक विधानसभा) के बाहर महिलाओं और बच्चों समेत परिवार के सदस्यों ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया. हालांकि, पुलिस के त्वरित हस्तक्षेप से यह त्रासदी टल गई, जिससे इसमें शामिल परिवार के सदस्यों को तत्काल हिरासत में ले लिया गया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी परिवार को पुलिस वाहनों में ले जाते दिख रहे हैं.

अपनी परेशानी साझा करते हुए, परिवार ने कहा कि उन्होंने अदरक की खेती का व्यवसाय शुरू करने के लिए 2016 में बैंगलोर सिटी कोऑपरेटिव बैंक से 50 लाख रुपये का ऋण लिया था. हालाकि, उनके कारोबार को काफी घाटा हुआ, जिससे उन्हें उधार ली गई राशि चुकाने के लिए संघर्ष करना पड़ा.

राहत की मांग करते हुए, परिवार ने कर्नाटक के मंत्री ज़मीर अहमद खान से संपर्क किया. परिवार के एक सदस्य ने इंडिया टुडे को बताया, "मंत्री की तरफ से ऋण ब्याज कम करने के आश्वासन के बावजूद, बैंक ऊंची दरें लगाता रहा." परिवार की तरफस से ईएमआई चुकाने में नाकाम रहने की वजह से, बैंक ने बकाया राशि वसूलने के लिए उनके घर की नीलामी की, जिससे परिवार को यह खतरनाक कदम उठाना पड़ा.

बैंक अधिकारियों ने परिवार के 3 करोड़ रुपये की कीमत वाले आवास की नीलामी महज 1.41 करोड़ रुपये में शुरू की. परिवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की दो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आत्महत्या के प्रयास के लिए 309 और आत्महत्या से संबंधित सार्वजनिक उपद्रव पैदा करने के लिए 990 शामिल हैं.

परिवार की एक महिला ने पहले कहा, "मैं यहां मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से न्याय की गुहार लगाने आई हूं. हम सड़कों पर आ गए हैं और मेरे पास अपने बच्चे को खिलाने के लिए पैसे नहीं हैं. जमीर अहमद खान ने हमसे वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए हम अपने ऊपर कैरोसीन डाल रहे हैं."

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