मणिपुर हिंसा में 54 लोगों की मौत, डर की वजह से असम पहुंचे 1100 लोग
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मणिपुर हिंसा में 54 लोगों की मौत, डर की वजह से असम पहुंचे 1100 लोग

Manipur Violence: मणिपुर में रिजर्वेशन की मांग के विरोध में हिंसा जारी है. हिंसा में अब तक 54  लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर से तकरीबन 1100 लोग पलायन कर असम पहुंचे हैं.

मणिपुर हिंसा में 54 लोगों की मौत, डर की वजह से असम पहुंचे 1100 लोग

Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो गई है. राज्य में जारी हिंसा की वजह से यहां से लोग भाग रहे हैं. वह आस पास के राज्यों में शरण मांग रहे हैं. मणिपुर के जिरीबाम जिले और आसपास के इलाकों से 1,100 से अधिक लोगों ने अंतरराज्यीय सीमा पार कर असम के कछार जिले में इंटर किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. ज्यादातर प्रवासी कुकी समुदाय से हैं और उन्हें आशंका है कि मणिपुर में उनके घरों को उन समूहों की तरफ से मिटा दिया जाएगा. उन लोगों ने बृहस्पतिवार की रात उन पर हमला किया था, जिसकी वजह से वह सुरक्षा पाने के लिए वहां से भागकर कछार आ गए थे.

जिरीबाम के निवासी 43-साल के एल मुआंगपु ने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार की रात लगभग 10 बजे हमने अपने इलाके में चीख-पुकार सुनी. हमें यह महसूस करने में कुछ मिनट लग गए कि हम पर हमला किया गया है. वे पथराव कर रहे थे, हमें धमकी दे रहे थे और कह रहे थे कि यह उनकी आखिरी जंग है.’’ 

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कछार के उपायुक्त रोहन कुमार झा ने शुक्रवार को लखीपुर अनुमंडल अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि कछार जिला प्रशासन द्वारा जिरीबाम के लोगों को सभी जरूरी चीजें दी जा रही हैं. झा ने कहा कि मणिपुर से 1,100 से अधिक लोग अपने राज्य में जारी हिंसा के डर से जिरी नदी को पार कर कछार आए हैं. उपायुक्त ने कहा कि इनमें से कुछ अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं. बाकी कछार जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों में स्थापित विभिन्न शिविरों में शरण ली है. 

इस बीच, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार असम के उन छात्रों के साथ लगातार संपर्क में है, जो मणिपुर में हैं. शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘अवसर मिलते ही हम उन्हें वापस लाएंगे. मैं परिवार के सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे उनकी सुरक्षा के बारे में चिंता न करें, क्योंकि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय कर रहे हैं.’’ मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कछार जिला प्रशासन को मणिपुर हिंसा प्रभावित उन परिवारों की देखभाल करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने राज्य में शरण मांगी थी और वह अपने मणिपुर समकक्ष एन. बीरेन सिंह के साथ लगातार संपर्क में हैं.

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