Uttar Pradesh News: साल 2021 में पुलिस ने उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले 16 मुसलमानों को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. अब ATS की खास अदालत ने उन्हें धर्मांतरण के मामले में दोषी करार दिया है. उन्हें आज सजा सुनाई जाएगी.
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की खास अदालत ने गैर कानूनी तौर से धर्म परिवर्तन के मामले में मुल्जिम उमर गौतम और 15 दूसरे लोगों को मंगलवार को दोषी करार दिया. खास एटीएस अदालत ने सभी दोषियों को जेल भेज दिया है. अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोषियों को अदालत बुधवार को सजा सुनाएगी. जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने मुल्जिमों की सजा पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की है. अदालत ने सभी मुल्जिमों को बुधवार को जेल से तलब करने का भी आदेश दिया.
ये लोग दोषी करार
इस मामले में मोहम्मद उमर गौतम के अलावा अन्य दोषी करार दिए गए मुल्जिमों में मौलाना कलीम सिद्दीकी, प्रकाश रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम, कौशर आलम, भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, डॉ0. फराज बाबुल्लाह शाह, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, अब्दुल्ला उमर, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी, धीरज गोविंद राव जगताप और सरफराज अली जाफरी शामिल हैं.
मुकदमा दर्ज
एटीएस ने इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया था. गौरतलब है कि 20 जून 2021 को इस मामले में उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इन सभी मुल्जिमों पर भारतीय दंड संहिता की मुताल्लिका धारा के तहत इल्जाम लगाए गए थे. विशेष लोक अभियोजक एम के सिंह ने बताया कि ये लोग साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, वैमनस्य और नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे.
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ये थे इल्जाम
विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक इनके अंतरराष्ट्रीय संबंध भी हैं. इसके लिए हवाला के जरिए विदेशों से पैसा भेजा जा रहा था. वे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और दिव्यांगों को लालच देकर और उन पर अनुचित दबाव बनाकर बड़े पैमाने पर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे. वे मृत्यु के बाद दुनिया में नरक की आग जैसी अवधारणाओं का हवाला देकर एक खास मजहब के लोगों को डराते थे. उनका उद्देश्य देश में शरिया आधारित सरकार की व्यवस्था स्थापित करना था.
ये है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद उमर गौतम को मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के साथ 20 जून 2021 को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि वे एक संगठन का संचालन कर रहे थे, जो उत्तर प्रदेश में मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराने में शामिल था और इसके लिए उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से धन मिलने का संदेह था. उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने तब बताया था कि लखनऊ के ATS थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश ATS ने ये गिरफ्तारियां की थीं.
एक हजार लोगों को बनाया मुसलमान
मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार उस वक्त ATS के अपर पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभाल रहे थे. उन्होंने बताया था कि उमर गौतम पहले हिंदू था लेकिन उसने मुस्लिम धर्म अपना लिया और धर्मांतरण कराने में सक्रिय हो गया. उन्होंने उमर के हवाले से बताया था कि उसने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है. यह अभियान जामिया नगर में स्थित इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था के जरिये चलाया जा रहा था.