Pakistan News: पाकिस्तानी संसद में देश की आंतरिक सुरक्षा के नजरिए से बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. संसद की एक कमेटी ने बैठक में बताया कि देश के करीब 22 हजार से ज्यादा नौकरशाहों के पास दोहरी नागरिक्ता है.
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Pakistan News: पाकिस्तान से हर रोज आश्चर्यजनक घटनाक्रम की खबरें आती रहती हैं, खासतौर पर वहां की संसद और सैनिकों को लेकर. अब ऐसी ही एक खबर पाकिस्तान की सुरक्षा से जुड़ी हुई आई है. हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें देश के करीब 22 हजार नौकरशाह शामिल हैं. दरअसल, पाकिस्तान के नेशनल असेंबली की एक कमेटी ने सूचित किया है कि देश के 22,000 से ज्यादा नौकरशाहों के पास दोहरी नागरिकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताओं को भी बढ़ा दी है.
पाकिस्तानी संसद का सबसे निचला सदन नेशनल असेंबली में कार्यवाही के दौरान इसे लेकर काफी गहमागही रही. एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र के मुताबिक, आंतरिक मामलों से संबंधित नेशनल असेंबली की स्थायी कमेटी की सोमवार को राजा खुर्रम नवाज़ की अगुआई में बैठक हुई. बैठक में सदस्यों ने इस चलन पर चिंता जताई और खासकर नौकरशाहों, न्यायाधीशों और सांसदों के लिए इस चलन को बैन करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की.
बैठक में बातचीत के दौरान पता चला कि करीब 22,000 नौकरशाहों के पास दूसरे देशों की नागरिकता है. ऐसे में, मीटिंग में प्रस्तावित कानून पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में कहा गया है कि उन मुल्कों के नागरिकों को पाकिस्तानी पासपोर्ट दिया जाएगा, जिनके साथ पाकिस्तान के दोहरी नागरिकता समझौते हैं.
देश में दोहरी नागरिकता है बैन
कमेटी के मेंबर अब्दुल कादिर पटेल ने आश्चर्य जताया कि नेशनल असेंबली के मेंबरों और न्यायाधीशों के लिए दोहरी नागरिकता बैन है, जबकि नौकरशाहों के लिए ऐसी रोक नहीं है. उन्होंने प्रपोजल दिया कि बिल में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए कि दोहरी नागरिकता वाले लोगों को नौकरशाह के तौर पर नियुक्त न किया जाए. पटेल ने इस तर्क को भी चुनौती दी कि नेताओं को राज्य की गोपनीयता की सुरक्षा की आवश्यकता की वजह दोहरी नागरिकता नहीं दी जाती है.
पीपीपी ने जताई चिंता
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के आगा रफीउल्लाह ने दोहरी नागरिकता रखने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में पूरी जानकारी और विस्तृत आँकड़े मांगे, जिसमें यह भी शामिल है कि कितने लोगों ने अपनी विदेशी नागरिकता छोड़ दी है और क्या आधिकारिक रेजिस्ट्रेशन बॉडी एनएडीआरए के पास यह डेटा है कि ये शख्स किन मुल्कों से जुड़े हुए हैं. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी के मेंबर ने टॉप भ्रष्टाचार-रोधी निकाय एनएबी (राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो) के चेयरमैन का उदाहरण देते हुए दोहरी राष्ट्रीयता नियमों में ढील को लेकर भी चिंता जताई.