Israel Hamas War News: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है, लेकिन इजराइल इस जंग में एक खास हथियार का इस्तेमाल कर रहा है. इसकी ह्यूमन राइट्स ने आलोचना की है.
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Israel Hamas War News: इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है, और इस सब के बीच इजराइल एक ऐसी चीज का इस्तेमाल कर रहा है, जिसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. आपने सही पढ़ा, यहूदी मुल्क फिलिस्तीनियों के खिलाफ भूख को हथियार बना रहा है. यह कहना ह्यूमन राइट्स का है. ह्यू्मन राइट्स वॉच का कहना है कि इजरायली सरकार कब्जे वाले गाजा पट्टी में नागरिकों की भूख को युद्ध के तरीके के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जो एक अपराध है. इज़रायली सेनाएं जानबूझकर पानी, खाने और ईंधन की डिलीवरी को रोक रही हैं, जबकि जानबूझकर ह्यूमेटेरियन में बाधा डाल रही हैं, जाहिर तौर पर किसानी इलाकों को तबाह कर रही हैं.
हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर, 2023 को इज़राइल पर हमला किया था, रक्षा मंत्री योव गैलेंट, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर और ऊर्जा मंत्री इज़राइल काट्ज़ सहित उच्च पदस्थ इज़राइली अधिकारियों ने गाजा में नागरिकों को खाना, पानी और ईंधन से वंचित करने के अपने उद्देश्य को व्यक्त करते हुए सार्वजनिक बयान दिए थे. अन्य इज़रायली अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि गाजा को मानवीय सहायता या तो हमास के जरिए अवैध तौर पर रखे गए बंधकों की रिहाई या हमास के तबाही पर डिपेंड होगी.
इज़राइल और फ़िलिस्तीन के ह्यूमन राइट्स वॉच के निदेशक उमर शाकिर ने कहा, "दो महीने से ज्यादा वक्त से, इज़राइल गाजा की आबादी को खाना और पानी से वंचित कर रहा है, यह प्लान हाई रैंकिंग वाले इजरायली अधिकारियों के जरिए बनाया गया है और जंग के एक तरीके के तौर पर भूखा रखने के इरादे को दर्शाती है.".... उन्होंने आगे कहा "वर्ल्ड लीडर्स को इस घृणित युद्ध अपराध के खिलाफ बोलना चाहिए. इसकी वजह से गाजा की आबादी पर गलत असर पड़ रहा है."
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 24 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच गाजा में 11 विस्थापित फिलिस्तीनियों का इंटरव्यू लिया. इस दौरान उन्होंने बुनियादी जरूरतों को हासिल करने में मुश्किलों के बारे में बताया. उत्तरी गाजा छोड़ने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "हमारे पास न खाना था, न बिजली, न इंटरनेट, कुछ भी नहीं." "हम नहीं जानते कि हम कैसे बच गए." कुछ ऐसी ही हालात बाकि लोगों ने भी जाहिर किए हैं. गाजा में लोगों के पास इलाज पास दवाइयें नहीं हैं, पीने के लिए साफ पानी नहीं है और खाने के लिए खाना भी मौजूद नहीं है.