तुर्की के मुस्लिम खिलाड़ी यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में ऐसा क्या किया, जिससे पागल हो गए फैंस
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तुर्की के मुस्लिम खिलाड़ी यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में ऐसा क्या किया, जिससे पागल हो गए फैंस

तुर्की के एयर पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में अपने देश का झंडा बुलंद किया है. इसके साथ ही उन्होंने ओलंपिक के इतिहास में इतिहास रच दिया है. यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में बिना कोई आधुनिक लेंस पहने सटीक निशाना लगाया और रजत पदक जीता है.

तुर्की के मुस्लिम खिलाड़ी यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में ऐसा क्या किया, जिससे पागल हो गए फैंस

Turkish Shooter Yusuf Dikek: तुर्की के एयर पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में अपने देश का झंडा बुलंद किया है. इसके साथ ही उन्होंने ओलंपिक के इतिहास में इतिहास रच दिया है. यूसुफ डिकेक ने पेरिस ओलंपिक में बिना कोई आधुनिक लेंस पहने सटीक निशाना लगाया और रजत पदक जीता है. निशानाबाजी खेलों में निशानेबाज खिलाड़ी बहुत सारे आधुनिक लेंस पहनते हैं, जिसमें बेहतर सटीकता के लिए विशेष चश्मा और किसी भी तरह के धुंधलेपन से बचने के लिए कान की सुरक्षा करने वाले उपकरण शामिल हैं, लेकिन इन्होंने सिर्फ अपना चश्मा ही पहना था और सटीक निशाना लगाकर दूसरे स्थान पर काबिज हुए हैं.

सोशल मीडिया पर फैंस हो गए हैं पागल
सोशल मीडिया पर निशानेबाजी के फैंस पागल हो गए और 51 साल के डिकेक पूरे इंटरनेट पर वायरल हो गए हैं. डिकेक ने अपने साथी सेवल इलयदा तारहान के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल किया है. हालांकि डिकेक प्रतियोगिता में सीमित चश्मा लेकर आए थे, लेकिन इससे उन्हें ओलंपिक गौरव हासिल करने से नहीं रोका जा सका.

तुर्की खिलाड़ी ने पहना था नॉर्मल चश्मा
51 साल के डिकेक ने नियमित प्रिस्क्रिप्शन चश्मा और इयरप्लग पहने थे और फिर भी ज्यादातर प्रतियोगियों में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद उन्होंने एक हाथ जेब में रखकर लाइन को रोल किया, अपनी पिस्तौल को निशाना बनाया और अपने निशाने पर सटीक निशाना लगाया, जिससे उन्होंने और सेवल इलयदा तारहान ने पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने में कामयाब हो गए.

आखिर में रच दिया इतिहास
तुर्की के 51 साल के निशानेबाज अपने 5वें ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहे हैं, उनकी पहली मौजूदी में साल 2008 में बीजिंग में हुई थी. पिस्तौल के साथ एक शानदार करियर के बाद वह सबसे सहज शैली में अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने में सफल रहे. शूटिंग इवेंट का फाइनल सर्बिया के रोमांचक वापसी के साथ स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए आखिरी समय तक चला. ज़ोराना अरुणोविच और दामिर माइकेक ने 8-2 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए डिकेक और तारहान पर 16-14 के स्कोर के साथ जीत हासिल की. ​​यह वही मैच था, जिसमें भारत के मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने कांस्य पदक जीता था.

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