Mathura News: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह विवाद में ईदगाह कमेटी की तरफ से सारी याचिकाएं वापस ले ली गई हैं. ऐसी खबर पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है. इस खबर में कितनी सच्चाई है. इसकी पुष्टि खुद शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सेक्रेटरी तनवीर अहमद ने की है. तो आइए जानते हैं...
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Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Masjid Idgah controversy: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट में चल रही 18 पिटीशन्स में एक पिटीशन शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने वापस ले ली. यह पिटीशन इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के खिलाफ कुछ मामलों में रिटेन स्टेटमेंट दाखिल नहीं करने की बात कहकर एक्स पार्टी आदेश कर दिया था. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस आदेश को वापस ले लिया. इसके बाद शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी रिकॉल पिटीशन वापस ले ली.
जानिए क्या है सच्चाई?
इस पूरे मामले पर शाही ईदगाह कमेटी के सेक्रेटरी तनवीर अहमद ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है. वहीं, 12 अगस्त को एक आदेश पारित हुआ था जिसमें कुल मुकदमों में 12 नंबर और 16 नंबर के मुकदमों में मेरा रिटेन स्टेटमेंट दाखिल नहीं है. जबकि नवंबर में ही उन्हें दाखिल कर दिया था. वह किसी वजह से अदालत के संज्ञान में नहीं आ पाया था. इसलिए यह आदेश पारित किया गया. हालांकि, उस आदेश के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन दाखिल की थी. साथ ही हाईकोर्ट इलाहाबाद में भी एक एप्लीकेशन देकर हमने अदालत का ध्यान इस तरफ आकर्षित कराया कि हमारा रिटेन स्टेटमेंट पहले से ही दाखिल है. इसके बाद हाईकोर्ट ने उस आदेश को रिकॉल करने की मंजूरी दे दी. साथ ही एक्स पार्टी आदेश को कैंसिल कर दिया.
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क्या शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की तरफ से सारी याचिकाएं वापस ले ली गई हैं?
मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी के मुताबिक, इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का कोई औचित्य नहीं रह जाता है, क्योंकि अपने आदेश को हाईकोर्ट ने ही निरस्त कर दिया था. इसलिए वह याचिका हमने वापस ले ली है.
उन्होंने कहा, “अब भ्रम की स्थिति यह फैलाई जा रही है कि शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की तरफ से सारी याचिकाएं वापस ले ली गई हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. जिस ऑर्डर को हमने चैलेंज किया था वह ऑर्डर हमारी मांग पर खुद ही निरस्त हो गया. बाकी सारी पिटीशन्स चल रही हैं. आगामी 4 नवंबर को इस पर सुनवाई भी होनी है. इसलिए बाकी पक्ष के जो लोग, भ्रम की स्थिति बना रहे हैं, उसमें कोई सच्चाई नहीं है."