पश्चिम बंगाल में मुसलमानों ने रख ली ममता बनर्जी की लाज; इन 18 सीटों पर एकजुट होकर किया वोट
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पश्चिम बंगाल में मुसलमानों ने रख ली ममता बनर्जी की लाज; इन 18 सीटों पर एकजुट होकर किया वोट

Muslims in West Bengal: इलेक्शन में NDA को बहुमत मिला है, लेकिन बीजेपी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाई है. बीजेपी को 240 सीटें आई हैं. वहीं, कांग्रेस को 99, सपा को 37 और टीएमसी को 29 सीट जीतने में कामयाब हुई है.

पश्चिम बंगाल में मुसलमानों ने रख ली ममता बनर्जी की लाज; इन 18 सीटों पर एकजुट होकर किया वोट

Muslims in West Bengal: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का ऐलान हो गया है. इस इलेक्शन में NDA को बहुमत मिला है, लेकिन बीजेपी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाई है. बीजेपी को 240 सीटें आई हैं. वहीं, कांग्रेस को 99, सपा को 37 और टीएमसी को 29 सीट  जीतने में कामयाब हुई है. ऐसे में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा वेस्ट बंगाल की हो रही है, जहां बीजेपी ने पिछले लोकसभा इलेक्शन में शानदार जीत दर्ज की थी. पार्टी ने 18 सीट जीतने में कामयाब हुई थी, लेकिन इस चुनाव में ममता बनर्जी ने बीजेपी की चुनावी रथ को रोक दिया है. इस चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ 12 सीट जीतने में कामयाब हुई है. 

ऐसे में राजनीतिक विशलेषकों का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने पश्चिम बंगाल के दक्षिणी इलाके में मुस्लिम बहुल इलाकों में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने में मदद की, जबकि उनके वोटों के विभाजन की वजह से राज्य के उत्तरी हिस्से में बीजेपी को जीत हासिल करने में मदद मिली. राज्य में अल्पसंख्यक वोटर्स करीब 30 फीसद हैं, जिनका प्रभाव 16-18 लोकसभा सीटों तक है. इससे वे सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण बन जाते हैं.

इन सीटों पर निर्णायक भूमिका में थे मुस्लिम वोटर्स
उत्तर और दक्षिण बंगाल दोनों में रायगंज, कूचबिहार, मुर्शिदाबाद, डायमंड हार्बर, बालूरघाट, मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, उलुबेरिया, हावड़ा, बीरभूम, कांथी, तमलुक, मथुरापुर और जॉयनगर जैसे संसदीय क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी काफी है. नतीजे आने के बाद साफ पता चलता है कि यहां पर मुस्लिम वोटर्स ने टीएमसी को जमकर वोट किया है. वहीं, इंडिया गठबंधन और टीएमसी के बीच मुस्लिम वोट के विभाजन के चलते बीजेपी बालूरघाट, रायगंज और मालदा उत्तर सीट को बरकरार रखने में सफल रही.

इन सीटों पर थी कड़ी टक्कर
दक्षिण बंगाल में टीएमसी ने उम्मीद के मुताबिक अल्पसंख्यक क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उत्तर बंगाल की कुछ सीट पर पार्टी को अल्पसंख्यक मतों के एक बड़े हिस्से के लिए इंडिया गठबंधन से कड़ी टक्कर देखने को मिली है. उत्तर बंगाल में तीन सीट पर वाम-कांग्रेस गठबंधन के कैंडिडेट को बीजेपी उम्मीदवारों की जीत के अंतर से ज्यादा वोट मिले हैं. नतीजों के मुताबिक, रायगंज में बीजेपी के कार्तिक चंद्र पॉल को 5,60,897 वोट मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और टीएमसी के कृष्णा कल्याणी को 4,92,700 वोट मिले. पॉल 68,197 मतों के अंतर से जीते. वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार अली इमरान रम्ज़ को 2,63,273 वोट मिले.

मुस्लिम वोटों का नहीं हुआ है विभाजन
पश्चिम बंगाल में कई सीटों पर मुस्लिम निर्णायक भूमिका में थे, जहां उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को जमकर समर्थन किया है. जिसके बदौलत ममता बनर्जी ने बीजेपी को बड़ी जीत की तरफ से जाने रोक दिया है. ममता ने राज्य में 29 सीट जीतने में कामयाब हुई हैं. वहीं, बीजेपी को सिर्फ 12 सीट से संतोष करना पड़ा है. साल 2019 के लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी ने बंगाल में भारी जीत दर्ज की थी. राज्य की 42 सीटों से में 18 सीट जीतने में कामयाब हुई थी. इस बार ऐसा इसलिए नहीं हुआ है क्योंकि मुस्लिम वोटर्स के वोट नहीं बंटे हैं. 

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