Gujrat News: गुजरात में कुछ युवक 'हुसैनी आर्मी’, 'आर्मी ऑफ मेहदी’ और 'लश्कर-ए-आदम’ जैसे व्हाट्सऐप ग्रुप चलाकर अंतरधार्मिक शादी करने वाले जोड़ों पर कथित तौर पर नजर रखने और उन्हें परेशान करने का काम करते थे... पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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वडोदराः गैर मुस्लिम लड़कों से मुस्लिम लड़कियों की होनी वाली शादियों का कथित तौर पर विरोध करने के लिए गुजरात में कुछ मुस्लिम नौजवानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इन पर इल्जाम है कि अंतरधार्मिक जोड़ों को कथित तौर पर निशाना बनाते हैं, उन्हें परेशान करते हैं और सोशल मीडिया पर उनके वीडियो अपलोड करते हैं. इस सिलसिले में पुलिस ने लगभग 14 लोगों को हिरासत में लिया है. ग्रुप के तीन एडमिनिस्ट्रेटर्स मुस्तकीम शेख, बुरहान सैय्यद और साहिल शेख को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है.
ग्रुप में 500 लोग शामिल
वडोदरा पुलिस ने बताया कि बुधवार को हिरासत में लिए गए 14 लोगों में से पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. नौ दीगर लोगों से पूछताछ करने के लिए उन्हें अभी हिरासत में रखा गया. पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ आरोपियों द्वारा कुछ महीने पहले नैतिक पुलिसिंग के लिए बनाए गए 'हुसैनी आर्मी’ नामक व्हाट्सऐप ग्रुप में 500 लोग शामिल हुए थे. बाद में आरोपियों ने इस ग्रुप का नाम बदलकर 'मेंहदी की सेना’ कर दिया था. पुलिस ने बताया, 'हुसैनी आर्मी’ समूह को हटाने के बाद, आरोपी ने 'आर्मी ऑफ मेंहदी’ बनाई, जिसे हाल ही में हटाकर 254 सदस्यों वाला 'लश्कर-ए-आदम’ नामक एक और समूह बनाया गया था.’’
ऐसे ग्रुप से पुलिस को क्या है दिक्कत
पुलिस का मानना है कि इस तरह के ग्रुप से धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा होने का खतरा है. पुलिस ने बताया, "इस ग्रुप का मकसद दूसरे मजहब के पुरुष के साथ देखे जाने पर अपने धर्म की महिलाओं पर नज़र रखना था. सदस्य ऐसे जोड़ों के गाड़ियों के नंबर का इस्तेमाल करके उनकी गतिविधियों पर नजर रखते थे और यह जानकारी जोड़ा जहां से गुजरता था, उस क्षेत्र में रहने वाले ग्रुप के दूसरे सदस्यों को देते थे.’’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ये लोग नैतिक पुलिसिंग के नाम पर जोड़े को रोक कर उनकी पिटाई करते थे और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर डालते थे. वे महिला के माता-पिता को ब्लैकमेल करने के लिए बुलाते थे (ताकि महिला को रिश्ता खत्म करने के लिए मजबूर कर सकें)."
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