TMC के मुस्लिम लीडर ने क्यों कहा- "CM योगी को बंगाल में घेर लेंगे"; जानें पूरा मामला
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TMC के मुस्लिम लीडर ने क्यों कहा- "CM योगी को बंगाल में घेर लेंगे"; जानें पूरा मामला

वाराणसी जिला कोर्ट ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के अहाते में वाके व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने का हुक्म दे दिया था. अब इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) लीडर सिद्दीकुल्ला चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी है.

TMC के मुस्लिम लीडर ने क्यों कहा- "CM योगी को बंगाल में घेर लेंगे"; जानें पूरा मामला

Gyanvapi Masjid: वाराणसी जिला कोर्ट ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के अहाते में वाके व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने का हुक्म दे दिया था. अब इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) लीडर सिद्दीकुल्ला चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर वह बंगाल आते हैं, तो हम उन्हें घेर लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद हिंदू पुजारियों को मस्जिद फौरन खाली करने को कहा है. 

सीएम योगी को लेकर कही ये बात
मस्जिद में 'पूजा' पर बैन लगाने की मांग को लेकर कोलकाता में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की रैली में हिस्सा लेने के दौरान, चौधरी ने यह भी सवाल किया कि क्या सीएम के पास इस तरह के कदम की इजाज देने के लिए "कोई समझ" थी? उन्होंने कहा कि "अगर वह कहीं बैठते हैं ( बंगाल में रहते हुए), उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी."

हिंदू पक्ष फौरन खाली करें मस्जिद
उन्होंने कहा, "इन लोगों (हिंदू पुजारियों) ने जबरदस्ती, वहां पूजा करना शुरू कर दिया है. ज्ञानवापी मस्जिद को फौरन खाली करें." TMC नेता ने आगे कहा कि 'हम किसी मंदिर में प्रार्थना करने नहीं जाते, तो वे हमारी मस्जिदों में क्यों आ रहे हैं? मस्जिद तो मस्जिद होती है. अगर कोई मस्जिद को मंदिर में बदलना चाहता है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे. ऐसा नहीं होगा."

कोर्ट की इजाजत से हो रहा था पूजा-पाठ
चौधरी की चेतावनी वाराणसी जिला अदालत के जरिए 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय करने के दो दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि एक पुजारी ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों के सामने पूजा-पाठ कर सकते हैं. कोर्ट में दलील दी गई थी कि पुजारी सोमनाथ व्यास 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे, जब अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया था. सोमनाथ व्यास के नाना शैलेन्द्र कुमार पाठक ने वहां देवताओं की पूजा का अधिकार मांगा था.

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