ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कल आएगा कोर्ट का फैसला, पूजा के अधिकार से जुड़ा है मामला
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ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कल आएगा कोर्ट का फैसला, पूजा के अधिकार से जुड़ा है मामला

Gyanvapi Mosque News: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं. हिंदू पक्ष का मानना ​​है कि ज्ञानवापी पहले मंदिर था. जिसे तोड़कर मस्जिद बना दिया गया. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह पहले से ही मस्जिद थी. 

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कल आएगा कोर्ट का फैसला, पूजा के अधिकार से जुड़ा है मामला

Gyanvapi Mosque News: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मूलवाद मामले में शुक्रवार यानी 23 अक्तूबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. साल 1991 के लॉर्ड विशेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के मूलवाद में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी है.

क्या अधूरा है ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे
गौरतलब है कि ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने को लेकर 1991 में मूलवाद दाखिल किया गया था. 33 सालों से लंबित इस मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील ने जिरह पूरी कर ली है. ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और उसमें पूजा करने को लेकर दाखिल मुकदमे के मुख्य वादी का निधन हो चुका है. अब इस मामले को अधिवक्ता देख रहे हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि एएसआई द्वारा पिछली बार बिना खुदाई किए किया गया सर्वे अधूरा है.

मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलील
अधिवक्ता ने एएसआई से ज्ञानवापी में खुदाई कर सर्वे करने की मांग की है. इस मामले में अधिवक्ता की मांग का विरोध करते हुए मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने दलील दी थी कि जब एएसआई द्वारा यहां सर्वे किया जा चुका है तो दूसरी बार सर्वे कराने का कोई मतलब नहीं है, इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दी गई थी कि मस्जिद परिसर में खुदाई से मस्जिद को नुकसान हो सकता है. 

हिंदू पक्ष ने क्या कहा?
हिंदू पक्ष की तरफ से की गई जिरह पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी बात रखने को कहा था. 19 अक्टूबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत 25 अक्टूबर यानी कल फैसला सुनाएगी.

दोनों पक्ष की क्या है दलील
यह बात तो साफ है कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं. हिंदू पक्ष का मानना ​​है कि ज्ञानवापी पहले मंदिर था. जिसे तोड़कर मस्जिद बना दिया गया. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह पहले से ही मस्जिद थी. इसे लेकर दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति है.

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