Madhya Pradehs Assembly Election: मध्य प्रदेश में भाजपा का जादू चला है. यहां भाजपा के 166 उम्मीदवारों ने विधानसभा चुनावों में बढ़त बनाई. लेकिन यहां मु्स्लिम उम्मीदवारों ने कमाल किया है.
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Madhya Pradehs Assembly Election: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के आरिफ मसूद और आतिफ आरिफ अकील ने क्रमश: भोपाल मध्य और भोपाल उत्तर से विधानसभा चुनाव जीता. कांग्रेस के एक अन्य मुस्लिम नेता, नफीस मंशा, जिन्होंने सबसे पुरानी पार्टी द्वारा टिकट से इनकार किए जाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन से चुनाव लड़ा था, वह बुरहानपुर से हार गए.
मसूद ने भोपाल मध्य से भारतीय जनता पार्टी के ध्रुव नारायण सिंह को 15891 वोटों के अंतर से हराया, जबकि अकील ने भोपाल उत्तर से सत्तारूढ़ पार्टी के आलोक शर्मा को 26,987 वोटों से हराया.
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बुरहानपुर में मंशा को 33,853 वोट मिले, जो कांग्रेस के उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी ठाकुर सुरेंद्र सिंह के खिलाफ भाजपा की अर्चना चिटनिस की जीत के अंतर से अधिक था. चिटनीस ने सिंह को 31,171 वोटों से हराया. एक अनुमान के अनुसार, 50 लाख की संख्या में मुसलमान, मप्र की आबादी का लगभग 7 प्रतिशत हैं, और मुख्य रूप से भोपाल और मालवा क्षेत्र में केंद्रित हैं.
ख्याल रहे कि मध्य प्रदेश में 230 सीटें हैं. विधनसभा चुनावों में यहां भाजपा 163 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस 66 सीटों पर आगे चल रही है. साल 2003 से कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता पर काबिज थी. लेकिन दिसंबर 2018 में यहां कमलनाथ की कयादत में सरकार बनी और मार्च साल 2020 में ही सत्ता से बाहर हो गई. इसके बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि यहां कांग्रेस जीतेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.
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