अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर केंद्र का क्या रहेगा रुख? भाजपा ने दी जानकारी
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर केंद्र का क्या रहेगा रुख? भाजपा ने दी जानकारी

BJP on AMU Minority Status: सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मु्सलिम यूनिवर्सिटी को मॉइनॉरिटी का दर्जा दिया है. अदालत ने इस मामले को अल्पसंख्यक मामलों को देखने वाली पीठ के पास भेजा है. इस पर भाजपा ने कहा है कि वह इस पर मजबूती से अपना पक्ष रखेगी.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर केंद्र का क्या रहेगा रुख? भाजपा ने दी जानकारी

BJP on AMU Minority Status: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे के सवाल पर तब अपना रुख 'दृढ़ता' से रखेगा जब सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. भाजपा की यह प्रतिक्रिया सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे संबंधी मामले को नई पीठ के पास भेजने का फैसला लेने के संदर्भ में आई है. अदालत ने इसके साथ ही साल 1967 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसकी स्थापना केंद्रीय कानून के तहत की गई थी.

भाजपा ने की तारीफ
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में इस मसले पर पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, "केंद्र सरकार जो कि इस मामले में एक पक्षकार है, अपने पक्ष को बहुत मजबूती से सामने रखेगी. सुप्रीम कोर्ट का प्राथमिक कर्तव्य संविधान के प्रावधानों की व्याख्या करना है, वह ऐसा करेगा." उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो संविधान में विश्वास करती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के IT विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने 1972 में संसद में बहस के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का विरोध करने वाले कुछ राजनीतिक दिग्गजों की टिप्पणी को उद्धृत किया.

यह भी पढ़ें: AMU पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, बरकरार रहेगा माइनोरिटी का दर्जा 

क्या है पूरा मामला?
ख्याल रहे कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अल्पसख्यकों के जरिए यूनिवर्सटी की स्थापना काफी नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि आर्टिकिल 30 के तहत असीमित अधिकार हैं. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि एएमयू की माइनोरिटी का दर्जा बरकरार रहेगा. यह फैसला सीजेआई की सदारत में 7 जजों की बेंच ने सुनाया है. इस फैसले के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट का वह फैसला बदल गया है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि एएमयू माइनोरिटी इंस्टीट्यूट नहीं है. इस इंस्टीट्यूट को माइनोरिटी स्टेटस दिया जाए या नहीं इस बात का फैसला बाद में तीन जजों की बेंच करेगी.

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