भारत ने एक बार फिर किया फिलिस्तीन से किनारा? UNGA में इजरायल के खिलाफ नहीं की वोटिंग
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भारत ने एक बार फिर किया फिलिस्तीन से किनारा? UNGA में इजरायल के खिलाफ नहीं की वोटिंग

Israel Gaza War: इजरायल गाजा से लेकर वेस्ट बैंक तक हमले कर रहा है. इस दौरान इजरायल फिलिस्तीन के जमीन पर कब्जा कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल के एक साल के भीतर कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र को खाली करने का प्रस्ताव लाया गया है. भारत ने इस पर मतदान नहीं किया है.

भारत ने एक बार फिर किया फिलिस्तीन से किनारा? UNGA में इजरायल के खिलाफ नहीं की वोटिंग

Israel Gaza War: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इजरायल को एक साल के भीतर कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र को खाली करने को कहा गया है. इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग हो चुकी है. भारत ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है. भारत ने इस बात पर जोर दिया कि वह बातचीत और कूटनीति का प्रबल समर्थक है और विभाजन को बढ़ाने के बजाय सेतु बनाने की कोशिश की जानी चाहिए.

इस मामले में 193 सदस्यीय महासभा ने 18 सितंबर को प्रस्ताव को पारित कर दिया, जिसके पक्ष में 124 देशों ने, विरोध में 14 देशों ने वोटिंग की और भारत समेत 43 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. यूएनजीए में ‘पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल की नीतियों और कार्यों तथा कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में इजराइल की निरंतर अवैध मौजूदगी से उत्पन्न कानूनी परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की राय’ शीर्षक से प्रस्ताव पारित किया गया.

इन देशों ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा
जिन देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, उनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं. इजराइल और अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. प्रस्ताव पर मतदान के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने इजराइल-फलस्तीन मुद्दे का न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान प्राप्त करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और दोहराया कि दोनों पक्षों के बीच प्रत्यक्ष और सार्थक वार्ता के माध्यम से ‘दो-राष्ट्र समाधान’ से ही स्थायी शांति बहाल होगी. 

युद्ध नहीं है समाधान
उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज के मतदान से दूर रहा. हमलोग बातचीत और लोकतंत्र के दृढ़ समर्थक रहे हैं. हमारा मानना है कि संघर्ष के समाधान का कोई और रास्ता नहीं है.’’ हरीश ने जोर दिया कि युद्ध में कोई विजयी नहीं होता. उन्होंने कहा कि संघर्ष में सिर्फ लोगों की जान जाती है और तबाही होती है.

स्थायी शांति हो बहाल
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को करीब लाने की दिशा में संयुक्त कोशिश होनी चाहिए, न कि उन्हें और दूर करने की दिशा में, हमें सेतु बनाने की दिशा में कोशिश करनी चाहिए, न कि विभाजन को और बढ़ाना चाहिए.’’ भारत ने महासभा से शांति के लिए ‘‘वास्तविक प्रयास’’ करने की गुजारिश की. हरीश ने संघर्ष के समाधान और मानवीय पीड़ा को समाप्त करके शांति की बहाली के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसी भावना से प्रेरित होते रहेंगे. हम स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए तैयार हैं.’’

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