Heart Attack Reason: आजकल क्यों आ रहे हैं नौजवानों को इतने हार्ट अटैक? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
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Heart Attack Reason: आजकल क्यों आ रहे हैं नौजवानों को इतने हार्ट अटैक? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

Heart Attack Reason: ऐसा देखा गया है कि कोविड के बाद से दिल के दौरों और स्ट्रोक के मामले ज्यादा आने लगे हैं. सवाल आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है? आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.

Heart Attack Reason: आजकल क्यों आ रहे हैं नौजवानों को इतने हार्ट अटैक? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

Heart Attack Reason: 2019 में कोरोना ने दस्तक दी. इस दौरान भारत ने रिकॉर्ड तोड़ मौते देखीं. देश में कोरोना के अब ना के बराबर केस रह गए हैं. लेकिन यह आपदा जाते-जाते लोगों में कई तरह की शारीरिक दिक्कतें छोड़ गई है. ऐसा देखा गया है कि जिनको कोविड हुआ था वह लोग कमजोरी और थकान महसूस करते हैं. कोविड के दस्तक देने के बाद अब हार्ट अटैक के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोविड लोगों के हार्ट को कमजोर कर देता है? चलिए जानते हैं.

कोविड है हार्ट अटैक का कारण?

जॉह्न हॉप्किन्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड हालांकि लंग्स यानी फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है. लेकिन इससे हार्ट को भी नुकसान हो सकता है. कोविड होने के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. जिसकी वजह से हार्ट की टिश्यू कमजोर हो जाते हैं. ऐसा देखा गया है कि कोरोना वायरस दिल की नसों और धमनियों (Arteries) को अंदर से नुकसान पहुंचाने का काम करता है. जिसकी वजह से दिल की नसों में सूजन आ जाती है और ब्लड क्लॉटिंग का खतरा बढ़ जाता है.

ब्लड फ्लो में दिक्कत आ सकती है

ऐसा देखा गया है कि वायरल इन्फेक्शन की वजह से 'cardiomyopathy' का खतरा बढ़ जाता है. जिसकी वजह से हार्ट पूरे जिस्म में सही तरह खून पंप नहीं कर पाता है. ऐसे में इंसान की मौत हो सकती है.

डॉक्टर अशोक ने कही ये बात

फोर्टिस अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इस बात की जानकारी दी कि "पश्चिम से एक बड़ा डेटा है, जिसमे एक साल के मियाद में सैकड़ों और हजारों से अधिक रोगियों ने अध्ययन किया गया. जहां देखा गया कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में 60 फीसद तक इजाफा हुआ है. इसलिए हम बहुत स्पष्ट हैं कि COVID, भले ही हल्का हो, लोगों को एक वर्ष तक की लंबी अवधि तक प्रभावित कर सकता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं को बढ़ा सकता है.

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