Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में जल्द ही खेतीबाड़ी और पशुपालन के ढांचे में बदलाव देखने को मिलेगा. प्रदेश में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए जल्द ही 'हिम उन्नति योजना' शुरू की जाएगी.
Trending Photos
भूषण शर्मा/नूरपुर: कृषि व पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार रविवार को कांगड़ा जिला के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के नगरोटा सूरियां में आयोजित किसान मेले में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि वे अपने-अपने संस्थानों से निकलकर किसानों के खेत-खलिहान में जाकर उन्हें परंपरागत और प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर जागरूक करें. इससे किसानों को फायदा होगा, निश्चित रूप से किसान इससे लाभांवित होंगें. यह विचार उन्होंने आज रविवार को कृषि विभाग के तत्वावधान में किया.
युवाओं को कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय से जोड़ने पर दिया जा रहा जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में विभिन्न परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए कृषि व पशुपालन व्यवसाय में काफी बदलाव लाने की आवश्यकता है, जिसके लिए उन्होंने विभाग से अधिक से अधिक लोगों विशेषकर युवाओं को कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय में जोड़ने के साथ आगे आने के लिए प्रेरित करते हुए आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों को नकदी फसलों के उत्पादन के साथ-साथ परंपरागत व प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए भी विशेष रूप से प्रोत्साहित करेगी.
ये भी पढ़ें- Himachal: बागवानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयास
प्रदेश सरकार कर रही खेतीबाड़ी और पशुपालन के ढांचे में बदलाव
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में खेतीबाड़ी और पशुपालन के ढांचे में बदलाव के लिए काम कर रही है. इस प्रकार की कृषि व्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयास हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो. सरकार की कोशिश है कि फसलों में रसायनों के प्रयोग को कम करने के साथ परंपरागत व अन्य ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन मिले.
कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए शुरू होगी 'हिम उन्नति योजना'
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 'हिम उन्नति योजना' आरंभ करने जा रही है. इसके तहत क्षेत्र विशेष की क्षमता के अनुरूप दूध, दाल, सब्जी, फलों, फूलों, नगदी फसलों के क्लस्टर बनाए जाएंगे. उन्होंने पूरे विधानसभा क्षेत्र में इन कार्यों को कलस्टर आधारित बनाने के लिए कृषि, उद्यान, जल शक्ति, पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग को संयुक्त तौर पर कार्य करने का भी आह्वान किया.
ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh के राज्यपाल ने युवाओं को बचाने के लिए नशा केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाने की बताई जरूरत
'हिम गंगा योजना' की होगी शुरुआत
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध आधारित कारोबार की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये की 'हिम गंगा योजना' शुरू की जा रही है. इस योजना के माध्यम से दूध की खरीद, प्रोसेसिंग, वितरण व्यवस्था में भी सुधार होगा. इससे पशुपालकों को दूध का सही मूल्य मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है ग्रामीण क्षेत्रों में महिला को स्वयं सहायता समूहों के गठन से स्वरोगार से जोड़ा जाए. सरकार किसानों से गाय का दूध 80 रुपये और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदेगी, जिससे अलग-अलग उत्पाद तैयार कर बाजार में बिक्री किए जाएंगे.
WATCH LIVE TV