पंजाबी गायक अमृत मान के पिता पर झूठा सर्टिफिकेट जमा कर सरकारी नौकरी करने का आरोप!
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पंजाबी गायक अमृत मान के पिता पर झूठा सर्टिफिकेट जमा कर सरकारी नौकरी करने का आरोप!

Amrit Maan's Father SC news: एनसीएससी ने स्कूली शिक्षा और सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिवों से 21 जून तक कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने के आदेश. 

 

पंजाबी गायक अमृत मान के पिता पर झूठा सर्टिफिकेट जमा कर सरकारी नौकरी करने का आरोप!

Amrit Maan's Father SC Certificate issue news in Hindi: पंजाब से एक हैरान कर देने वाली खबर आ रही है जिसमें पंजाबी गायक अमृत मान के पिता सरबजीत सिंह पर जाली एससी प्रमाण पत्र बनाकर पंजाब के शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी हासिल कर 34 साल से अधिक समय तक नौकरी का आनंद लेने का आरोप है. 

इस मामले मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने अपने चेयरमैन विजय सांपला के आदेश पर पंजाब सरकार को एक नोटिस जारी कर 15 दिनों में एक एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है. 

बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरी पाने के लिए झूठा एससी सर्टिफिकेट बनवाने वाले सरबजीत सिंह के बारे में एनसीएससी को खबरों के माध्यम से सूचना मिली है. (Amrit Maan's Father SC Certificate issue news in Hindi) यह भी बताया जा रहा है कि मुताबिक सरबजीत सिंह मशहूर पंजाबी सिंगर अमृत मान के पिता हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, “फरीदकोट जिले के तहसील कोटकपूरा इलाके के गांव खारा के निवासी सरबजीत सिंह ने वर्ष 1989 में एक गणित शिक्षक की अनुसूचित जाति की आरक्षित नौकरी पाने के लिए एक नकली अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जमा किया था, जिसको कि राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी. उस दौरान पंजाब के स्कूलों में 252 शिक्षण पद जिनमें से 25% सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं."

न्यूज़ वीडियो के अनुसार, पंजाब के एक सेवानिवृत्त अधिकारी, अवतार सिंह सहोता ने पंजाब के मुख्यमंत्री को एक शिकायत सौंपी है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरबजीत सिंह ने झूठे एससी प्रमाण पत्र का उपयोग करके 34 साल से अधिक समय तक नौकरी की है. 

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आयोग ने पंजाब सरकार के प्रमुख सचिव (स्कूली शिक्षा विभाग) और प्रमुख सचिव (सामाजिक, न्याय और अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग) को मामले की जांच करने और आरोप / मामले पर की गई कार्रवाई के तथ्यों के आधार पर 21 जून तक एक्शन टैकन रिपोर्ट डाक या ईमेल के माध्यम से जमा करने को कहा है." 

सांपला ने अधिकारियों को चेताया कि यदि कार्रवाई की गई रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर प्राप्त नहीं होती है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत उसे दी गई दीवानी अदालत की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और दिल्ली में आयोग के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए समन जारी कर सकता है.

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