Himachal Pradesh में सभी मुख्य संसदीय सचिवों पर गिरी गाज, सरकारी सुविधाएं वापस लेने के आदेश
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Himachal Pradesh में सभी मुख्य संसदीय सचिवों पर गिरी गाज, सरकारी सुविधाएं वापस लेने के आदेश

Himachal Pradesh CPS News: हिमाचल प्रदेश में हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी सीपीएस से सरकारी सुविधाएं वापस लेने को कहा गया है. कुछ मुख्य संसदीय सचिवों ने अपनी गाड़ियां वापस भी कर दी हैं. आज उनसे सरकारी बंगला खाली करवाने के भी आदेश दे दिए गए हैं. 

 

Himachal Pradesh में सभी मुख्य संसदीय सचिवों पर गिरी गाज, सरकारी सुविधाएं वापस लेने के आदेश

Himachal Pradesh News: हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में सभी मुख्य संसदीय सचिवों से सरकारी सुविधाएं वापस ली जा रही हैं. सभी सीपीएस को उनसे सरकारी बंगला, गाड़ी, दफ्तर समेत स्टाफ जैसी सभी सुख-सुविधाएं वापस लेने के आदेश दे दिए गए हैं.

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी गईं थीं फॉर्च्यूनर गाड़ियां
बता दें, CPS को सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने फॉर्च्यूनर गाड़ियां दी हुई थीं. इन्हें आज GAD को हेंड-ओवर करना होगा, जो सीपीएस बीते दिन शिमला में थे, उन्होंने अपनी गाड़ियां GAD को दे दी हैं. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में सीपीएस के साथ गईं गाड़ियां आज GAD को सौंपी जाएंगी. हालांकि सीपीएस ने गाड़ियों का इस्तेमाल बीती शाम से ही बंद कर दिया है.

हाईकोर्ट की ओर से CPS की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर सीएम सुक्खू ने कहा...

मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा...

ऐसे में अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. एडवोकेट जनरल ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है, लेकिन सरकार के मंत्री राजेश धर्माणी ने इसे अच्छा ऑप्शन नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है इस मामले को यहीं खत्म करना चाहिए. कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जो सीपीएस बनाए गए थे वह विधानसभा द्वारा बनाए गए एक्ट के मुताबिक थे, इसलिए यह ऑफिस और प्रॉफिट के दायरे में नहीं आते हैं. ऐसे में उनकी विधायकी पूरी तरह से सुरक्षित है. इसे लेकर जो हाई कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है वो स्वीकार्य है.

सरकार फैसला लेगी सुप्रीम कोर्ट जाना है या नहीं
वहीं उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के सवाल पर कहा कि यह उनकी निजी राय है कि अब इस मामले को यहीं खत्म करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाना अच्छा ऑप्शन नहीं होगा, लेकिन इस पर सरकार फैसला लेगी कि सुप्रीम कोर्ट जाना है या नहीं.

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