Shimla में JOA IT 817 के अभ्यर्थियों ने तीन दिन अनशन के बाद शुरू की भूख हड़ताल
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Shimla में JOA IT 817 के अभ्यर्थियों ने तीन दिन अनशन के बाद शुरू की भूख हड़ताल

Himachal Pradesh News: JOA IT 817 सहित अन्य पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों ने आज से शिमला में भूख हड़ताल शुरू कर दी है. अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे हड़ताल को सरकार के खिलाफ न्याय यात्रा में तबदील करेंगे. 

 

Shimla में JOA IT 817 के अभ्यर्थियों ने तीन दिन अनशन के बाद शुरू की भूख हड़ताल

समीक्षा/शिमला: राजधानी शिमला में तीन दिन से लगातार चल रहे अनशन के बाद अब JOA IT 817 सहित अन्य पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ आज से शिमला में भूख हड़ताल शुरू कर दी है जो एक महीने तक चलेगी. इतना ही नहीं, लोक सभा चुनावों के आगाज के साथ ही सरकार के खिलाफ न्याय यात्रा में तब्दील होगी. एक तरफ कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी देश में न्याय यात्रा निकाल रहे हैं जबकि दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी की हिमाचल प्रदेश सरकार बेरोजगारों के साथ अन्याय कर रही है.

परिणाम और ज्यादा लटकाने के लिए बनी कमेटी- अभ्यर्थी
शिमला में भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों ने बताया कि क्रमिक अनशन के बाद आज से सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल की जा रही है. सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने के लिए कमेटी बनाई है जो परिणाम और ज्यादा लटकाने के लिए बनी है, जबकि कमेटी चाहे तो सप्ताह में ही अपना निर्णय ले सकती है, लेकिन सरकार बेरोजगारों के दर्द को समझ नहीं रही है.

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अनशन के दौरान बिगड़ी एक अभ्यर्थी 
उन्होंने कहा कि शिमला में अभ्यर्थी 3 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी सुध नहीं ले रहा. एक अभ्यर्थी की आज तबियत भी बिगड़ी है, जिसे अस्पताल ले जाया गया है. एक महीने की भूख हड़ताल के बाद लोकसभा चुनाव आचार संहिता शुरू होते ही बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर सरकार के खिलाफ न्याय यात्रा निकाली जाएगी.

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इससे पहले बड़ी संख्या में JOA-IT पोस्टकार्ड 817 के अभ्यार्थी अपना दर्द लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय के बाहर पहुंचे थे, बता दें, ये अभ्यार्थी 4 वर्षों से लगातार नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं. इनका कहना है कि वह नौकरी पाने के लिए पिछले 4 वर्षों से केवल संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अकेले नहीं हैं जो इस तरह संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि करीब 6000 परिवार इसी मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी भर्ती का मामला पहले उच्च न्यायालय में गया फिर सर्वोच्च न्यायालय गया. इसके बाद 9 नवंबर 2030 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि इनकी भर्ती साल 2020 के रूल के मुताबिक की जाए.

 

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