Shimla News: मस्जिद के इमाम बोले 9 साल पहले बनी नई इमारत. शिमला में सबके साथ हमारा भाईचारा. मस्जिद में हर आने जाने वाले पर सीसीटीवी से नज़र रहती है.
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Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली उपनगर में सैकड़ों लोगों ने मिलकर रविवार दोपहर मस्जिद का घेराव कर दिया. दिनभर भजन कीर्तन कर विरोध चलता रहा. यह सभी लोग यहां अवैध निर्माण को तुड़वाने की मांग को लेकर एकत्रित हुए थे. जिला प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारियों ने भीड़ को आकर समझाया तब जाकर लोग यहां से हटे. हालांकि मस्जिद के आसपास आज यहां शांति है, लेकिन मस्जिद मामले की जांच अब ADM शिमला को सौंपी गई है.
दरअसल, अवैध निर्माण तुड़वाने के मामले ने इसलिए तूल पकड़ा क्योंकि शुक्रवार शाम मल्याणा में हिंदू और मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों के बीच लड़ाई हुई. आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने स्थानीय दुकानदार यशपाल सिंह को मारा और उसके सिर पर 18 टांके लगे.
ज़ी न्यूज़ की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर मस्जिद के ईमाम से बातचीत की और उनसे अवैध निर्माण के मामले को लेकर सवाल पूछे हैं, जिसमें मस्जिद के इमाम ने कहा कि यह मस्जिद ब्रिटिश काल के दौरान बनी है. ऐसे में पिछले कई सालों से यहां पर नमाज पढ़ी जाती है. उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर के अलावा बाकी की अन्य चार मंजिल पिछले 9 सालों में तैयार की गई है, जिसको लेकर नगर निगम से पत्राचार जारी है.
वहीं दूसरी ओर इमाम ने यह कहा कि शिमला में हिंदू भाइयों के साथ उनका भाईचारा है और किसी भी तरीके का विरोधाभास नहीं है. इमाम का कहना है कि उक्त लड़ाई में जो भी आरोपी कानून तोड़ रहा है. उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इमाम का कहना है कि मस्जिद में आने वाले तमाम लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं और वहीं हर आने जाने वाले की एंट्री रजिस्टर पर दर्ज की जाती है.
बिल्कुल साथ सटे घर में एक व्यक्ति से हमारी बातचीत हुई है. व्यक्ति का कहना है कि मस्जिद काफी पहले से बनी थी. इस मस्जिद के होने से उन्हें किसी भी तरीके की परेशानी नहीं है, लेकिन इस एक मंजिला इमारत के ऊपर बनी तमाम अवैध निर्माण के बाद कुछ अनजान लोगों का आना-जाना यहां पर बढ़ गया है, जिसकी वजह से उन्हें खतरा महसूस होता है. इस मामले पर शिकायत भी दर्ज करवाई गई है और यह मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए इसे तोड़ा जाए.
शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान से सवाल किया तो उनका कहना है कि इस मामले पर शिकायत नगर निगम को मिली है. जिसपर मामला नगर निगम कोर्ट में चल रहा है. आगामी सुनवाई इसी शनिवार को रखी गई है, जिसमें पहली मर्तबा वक्फ बोर्ड सुनवाई में हाजिर होगा. इस मस्जिद के मालिक वक्त बोर्ड हैं. ऐसे में अगर किसी भी तरीके की कोताही मिलेगी तो सबसे सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
मामले की जांच कर रही एडीएम शिमला ज्योति राणा ने जानकारी दी कि डीसी शिमला के आदेश के बाद वह इस मामले में जांच कर रही है जिसके तहत संजौली मस्जिद के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर उनका कहना है कि इस मामले पर प्रशासन दोनों ही पक्षों के लोगों के साथ संपर्क में है ताकि किसी भी तरीके के लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन खराब ना हो.
मुस्लिम व्यक्ति का कहना है कि कई वर्षों से वह इसी मस्जिद में नमाज पढ़ रहे हैं. यहां पर किसी भी तरीके का अवैध कार्य नहीं होता है. उनका कहना है कि यहां के लोगों के साथ उनका भाईचारा सुदृढ़ है. दुकानदार का कहना है कि मस्जिद की तमाम उपरी मंजिल अवैध तरीके से बनाई गई है जिस पर शिकायत भी दर्ज की गई है और ऐसे अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
संजौली व्यापार मंडल के सचिव का कहना है कि अवैध तरीके से बनाई गई इन बिल्डिंग पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है और उनका कहना है कि दूसरे राज्यों से कई अनजान लोगों का आना-जाना बड़ा है जिसके बाद यहां पर डर का माहौल है. बता दें, हिमाचल प्रदेश की कुल आबादी में महज 2 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रेवेन्यू रिकॉर्ड के हिसाब से 9 मस्जिद ही दर्ज हैं.
रिपोर्ट- संदीप सिंह, शिमला