Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने आज पालमपुर की विवेकानंद ट्रस्ट में शहीद कैप्टन सौरभ कालिया की प्रतिमा के अनावरण के दौरान कहा कि मौजूदा राजनैतिक परिस्थिति पर वह कुछ बोल नहीं पाएंगे अगर किसी ने बोलने के लिए आग्रह किया तो वह रो पड़ेंगे.
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अनूप चंद धिमान/पालमपुर: हिमाचल प्रदेश में पालमपुर की विवेकानंद ट्रस्ट में शहीद कैप्टन सौरभ कालिया की प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिसमें मुख्यातिथि के रूप पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने शिकरत की. इस मौके पर शहीद के माता पिता भी विशेष रूप से उपस्थित रहे. पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रदेश की मौजूदा राजनैतिक परिस्थिति को लेकर कहा कि यह जो कुछ हो रहा है उस पर मैं कुछ नहीं बोल पा रहा हूं और ना कुछ बोलूंगा. अगर आप बहुत आग्रह करोगे तो हो सकता है मेरी आंखों से कुछ आंसू निकल आएं, शब्द मेरे पास नहीं है.
शांता कुमार ने कहा कि उन्होंने 1951 से भारतीय जनसंघ, फिर जनता पार्टी और फिर भारतीय जनता पार्टी में जीवन के 70 वर्ष राजनीति में लगाए हैं. पार्टी और देश ने उन्हें बहुत कुछ दिया है. उन्होंने कहा कि आज वह 90 साल के हो गए हैं, लेकिन जब भी वह पीछे मुड़कर देखते हैं तो सोचते हैं कि क्या हमारी पार्टी के पास कुछ भी नहीं था, पुलिस की लाठियां खाकर चुनाव लड़ते थे. जमानत जब्त हो जाती थी, खबर कहीं लगती नहीं थी, लेकिन उस वक्त मेरी पार्टी के पास तीन चीजें थीं समर्पित कार्यकर्ता, देशभक्ति की विचारधारा और मूल्य आधारित राजनीति. इन तीन बातों के कारण उस वक्त की दुनिया की सबसे छोटी पार्टी को मेरे देश की जनता ने एक बड़ी पार्टी बनाया.
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शांता कुमार ने कहा कि जिस कारण भाजपा यहां तक पहुंची हमें उन बातों को नहीं छोड़ना चाहिए. परिस्थितियां तो नहीं बदलीं मनुष्य परिस्थितियों को बनाता है और मनुष्य ही परिस्थितियों को बदलता है. उन्होंने कहा कि भगवान करे कि देश की राजनीति में कुछ बदलाव आएं. गुलाम देश की राजनीति देश के लिए थी. आजाद देश की राजनीति केवल कुर्सी के लिए है, देश के लिए नहीं है. इस हवा में मेरी पार्टी भी चल पड़ी. इसका मुझे बहुत दुख है. मेरी पार्टी को नहीं जाना चाहिए था.
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उन्होंने कहा कि मैंने सत्ता छोड़ी, सत्ता में नहीं रहा, जेल में रहा, 2 बार मुख्यमंत्री भी रहा, केंद्र में मंत्री रहा लेकिन सिद्धांत की राजनीति को नहीं छोड़ा. देश में हमने राम मंदिर बना लिया. राम मंदिर बनने से कुछ नहीं होगा. राम के आदर्श अपनाने होंगे. सिद्धांत की राजनीति लानी होगी. भगवान करे मेरे देश के सभी नेताओं को शुद्ध बुद्धि मिले और यह राजनीति देश के लिए हो.
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