Dharamshala News: पूर्व मंत्री और भाजपा नेता विक्रम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में बड़े घोटाले की बात कही है. पढ़े पूरी खबर..
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Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश में अब एक और बड़ा घोटाला सामने आया है—ग्रीन एनर्जी घोटाला. इस घोटाले के तार हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन से जुड़े हुए हैं. पूर्व मंत्री और भाजपा नेता विक्रम ठाकुर ने इस घोटाले के बारे में खुलासा किया है.
सोमवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में विक्रम ठाकुर ने कहा कि इस मुद्दे पर कई लेटर बम पहले भी सामने आए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 अप्रैल 2024 को ऊना जिले के पेखुवेला में 32 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट का उद्घाटन किया था, जिसकी कुल लागत 220 करोड़ रुपये बताई गई थी.
विक्रम ठाकुर ने इसे लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, इसी तरह का 35 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट गुजरात में मात्र 144 करोड़ रुपये में पूरा हो गया, जबकि हिमाचल में 3 मेगावाट कम का प्रोजेक्ट 76 करोड़ रुपये अधिक में लगाया गया. यह भारी अंतर दर्शाता है कि इस प्रोजेक्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं.
भाजपा विधायक विक्रम ठाकुर ने कहा कि पेखुवेला प्लांट को गलत साइट पर लगाया गया, जिसके कारण भारी बारिश के बाद से यह प्लांट केवल 50 प्रतिशत क्षमता पर ही चल पा रहा है. इतना ही नहीं, प्लांट की ऑपरेशन और मेंटेनेंस की अवधि 8 वर्षों की रखी गई है, जबकि गुजरात के प्रोजेक्ट में यही सेवा 10 वर्षों के लिए दी जा रही है. यह साफ तौर पर दिखाता है कि प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं हुई हैं.
विक्रम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए वर्ल्ड बैंक से 500 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिससे 5 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स लगाए जा सकते थे, लेकिन, यह पूरी राशि केवल ऊना के एक ही प्रोजेक्ट में लगा दी गई, जो वित्तीय दुरुपयोग का स्पष्ट संकेत है.
उन्होंने कहा कि पेखुवेला प्लांट की प्रति मेगावाट लागत 6.84 करोड़ रुपये आई है, जो अन्य राज्यों की तुलना में बेहद ज्यादा है. जबकि अन्य राज्यों में सौर ऊर्जा का प्रोजेक्ट 4.11 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट में पूरा होता है. हिमाचल प्रदेश में यह प्रोजेक्ट सबसे महंगे प्रोजेक्ट्स में से एक है.
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उन्होंने कहा कि चंबा जिले के 5 हाइडल प्रोजेक्ट्स में देरी के कारण वर्ल्ड बैंक ने राज्य पर 5 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है. ठाकुर ने कहा कि एक अधिकारी ने जानबूझकर पावर परचेज एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर नहीं किए, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. इसके अलावा, देवीकोठी, हेल, साईकोठी और साईकोठी-2 जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, जिससे राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है.
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ठाकुर ने कांगड़ा एयरपोर्ट को लेकर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार केवल दिखावा कर रही है और कांगड़ा की अनदेखी हो रही है.
रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला