हमीरपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर. के. अग्निहोत्री ने बताया कि टीबी मुक्त हिमाचल बनाने के लिए जिला में 406 टीमों ने अभियान शुरू कर दिया है और लोगों से भी सहयोग की अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका हिस्सा बने.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के चलते हमीरपुर स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. एक्टिव केस फाइडिंग अभियान के तहत हमीरपुर जिला के घर-घर जाकर टीबी के लक्षण पाए जाने वाले लोगों का मौके पर ही बलगम जांच कर तुरंत इलाज किया जाएगा. हमीरपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर. के. अग्निहोत्री ने बताया कि टीबी मुक्त हिमाचल बनाने के लिए जिला में 406 टीमों ने अभियान शुरू कर दिया है और लोगों से भी सहयोग की अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका हिस्सा बने.
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चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 406 टीमों के द्वारा 4 लाख 88 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. ऐसे में उम्मीद है कि ढाई हजार के करीब खांसी के लक्षण पाए जा सकते हैं, जिसमें 50 लोगों में टीबी की बीमारी के लक्षण मिल सकते हैं, जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से कमर कसते हुए अभियान में जुट चुकी है.
उन्होंने आगे बताया कि टीबी बीमारी के सैंपल लेने के बाद तुरंत ही व्यक्ति को रिपोर्ट दी जाएगी, जिसके तहत कंप्यूटरकृत मशीनों से रिपोर्ट सौंपी जाती है. इसके लिए 16 सेंटरों में माइक्रोस्कोप के माध्यम से जांच की जाती है. साथ ही टीबी पाए जाने पर 48 घंटे के भीतर दवाई शुरू की जाती है.
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बता दें, कि टीबी की रोकथाम और इस से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के लिए वर्ष 2019 में हमीरपुर जिला को पूरे देश भर में दूसरा व हिमाचल प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ था. वहीं टीबी उन्मुलन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक लक्ष्य रखा है कि देश को टीबी मुक्त बनाना है जिसको लेकर ही अब स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाया है.
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